ज्योतिष विद्या कैसे सीखें

auspicious yoga

शुभ योग – वैदिक ज्योतिष शास्त्र | Auspicious yoga – vaidik jyotish Shastra

  किसी कुंडली में किसी भी शुभ योग के बनने के लिए यह आवश्यक है कि उस योग का निर्माण करने वाले सभी ग्रह कुंडली में शुभ रूप से काम कर रहे हों क्योंकि अशुभ ग्रह शुभ योगों का निर्माण नहीं करते अपितु अशुभ योगों अथवा दोषों का निर्माण करते हैं। इसी आधार पर यह […]

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mention of famous nine departments

प्रसिद्ध नौ विभागों का उल्लेख – वैदिक ज्योतिष शास्त्र | Mention of famous nine departments – vaidik jyotish Shastra

  वैदिक काल में संवत शब्द वर्ष का वाचक था। संवत्सर इद्वत्सर इत्यादि ये संवत्सर के पर्यायवाची शब्द हैं। इसी आधार पर से सूर्य सिद्धांतकार ने काल गणना से प्रसिद्ध नौ विभागों का उल्लेख किया है:- “ब्राह्मं दिव्यं तथा पित्र्यं प्राजापत्यंच गौरवम। सौरं च सावनं चान्द्रमार्क्षं मानानि वै नव॥” इस प्रकार अवान्तर के ज्योतिषकाल में

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