नाड़ी दोष परिहार श्लोक

nadi dosh ka parihar

नाड़ी दोष का परिहार – ग्यारहवाँ दिन – Day 11 – 21 Din me kundli padhna sikhe – nadi dosh ka parihar – Gyarahavaan Din

नाड़ी दोष का कई परिस्थितियों में परिहार हो जाता है। आइए विस्तार से जानें – वर तथा वधु की एक ही राशि हो लेकिन नक्षत्र भिन्न तब इस दोष का परिहार होता है। – दोनों का जन्म नक्षत्र एक हो लेकिन चंद्र राशि भिन्न हो तब परिहार होता है। – दोनों का जन्म नक्षत्र एक […]

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rahu ke samay mein - rahu ka prakop

राहु के समय में – राहु के प्रकोप – आठवाँ दिन – Day 8 – 21 Din me kundli padhna sikhe – rahu ke samay mein – rahu ka prakop – Aathavaan Din

राहु के रत्न गोमेद, तुरसा, साफ़ा आदि माने जाते है, लेकिन राहु के लिये कभी भी रत्नों को चांदी के अन्दर नही धारण करना चाहिये, क्योंकि चांदी के अन्दर राहु के रत्न पहिनने के बाद वह मानसिक चिन्ताओं को और बढा देता है, गले में और शरीर में खाली चांदी की वस्तुयें पहिनने से फ़ायदा

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chetavni - rahu ke prakop

चेतावनी – राहु के प्रकोप – आठवाँ दिन – Day 8 – 21 Din me kundli padhna sikhe – chetavni – rahu ke prakop – Aathavaan Din

राहु के लिये जातक अपनी जन्म कुन्डली में देखें राहु प्रथम द्वितीय चतुर्थ पंचम सप्तम अष्टम नवम द्वादस भावों में किसी भी राशि का विशेषकर नीच का बैठा हो,तो निश्चित ही आर्थिक मानसिक भौतिक पीडायें अपनी महादशा अन्तरदशा में देता है,इसमे कोई संसय नही है। समय से पहले यानि महादशा अन्तरदशा आरम्भ होने से पहले

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