मातृ दोष के लक्षण

kaise jaanen ki kundalee mein pitr ya pret dosh?

कैसे जानें कि कुंडली में पितृ या प्रेत दोष? – किया कराया जादू टोना – kaise jaanen ki kundalee mein pitr ya pret dosh? – kiya karaya jadu tona

कुंडली में पितृदोष का सृजन दो ग्रहों सूर्य व मंगल के पीड़ित होने से होता है क्योंकि सूर्य का संबंध पिता से व मंगल का संबंध रक्त से होता है। सूर्य के लिए पाप ग्रह शनि राहु व केतु माने गए हैं। अतः जब सूर्य का इन ग्रहों के साथ दृष्टि या युति संबंध हो […]

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dulhan ke hath se mehndi lagava le - ladakee kee shaadee ke upaay

दुल्हन के हाथ से मेहंदी लगवा ली – लड़की की शादी के उपाय – सत्रहवाँ दिन – Day 17 – 21 Din me kundli padhna sikhe – dulhan ke hath se mehndi lagava le – ladakee kee shaadee ke upaay – Satrahavaan Din

कन्या जब किसी कन्या के विवाह में जाये और यदि वहाँ पर दुल्हन को मेहँदी लग रही हो तो अविवाहित कन्या कुछ मेहँदी उस दुल्हन के हाथ से लगवा ले इससे विवाह का मार्ग शीघ्र प्रशस्त होता है। दुल्हन के हाथ से मेहंदी लगवा ली – लड़की की शादी के उपाय – dulhan ke hath

दुल्हन के हाथ से मेहंदी लगवा ली – लड़की की शादी के उपाय – सत्रहवाँ दिन – Day 17 – 21 Din me kundli padhna sikhe – dulhan ke hath se mehndi lagava le – ladakee kee shaadee ke upaay – Satrahavaan Din Read More »

vrishchik rashi- (to

वृश्चिक राशि- (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू) – चौदहवां दिन – Day 14 – 21 Din me kundli padhna sikhe – vrishchik rashi- (to, na, nee, nu, ne, no, ya, yee, yoo) – Chaudahavaan Din

पारिवारिक कार्यों का दायित्व बढ़ेगा। भूमि एवं भवन संबंधी विवाद से सावधान रहें। आर्थिक दृष्टि से माह ठीक रहेगा। रचनात्मक गतिशीलता बढ़ेगी। रिश्तेदारों से सहयोग प्राप्त होगा। राजकीय कार्यों में सफलता के शुभ योग तथा विजय का योग बनता है। 22, 24 अशुभ कारक हैं। इन तिथियों में गाय को चारा खिलाने से ग्रह की

वृश्चिक राशि- (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू) – चौदहवां दिन – Day 14 – 21 Din me kundli padhna sikhe – vrishchik rashi- (to, na, nee, nu, ne, no, ya, yee, yoo) – Chaudahavaan Din Read More »

mesh rashi- (che

मेष राशि- (चू, चे, लो, ला, ली, लू, ले, अ) – चौदहवां दिन – Day 14 – 21 Din me kundli padhna sikhe – mesh rashi- (che, che, lo, la, lee, loo, le, a) – Chaudahavaan Din

इस राशि वालों को देवगुरु बृहस्पति धार्मिक कार्यों में लगाए रखेंगे लेकिन शरीर में थकावट तथा उदासीनता का योग बना रहेगा। कमजोरी के कारण रूग्णता बढ़ेगी। स्वास्थ्य सुधार हेतु शिव पूजा करें। पत्नी की सेवा से शुभ लाभ बनेगा, लेकिन शारीरिक रूप से दूरी बनाए रखें। आर्थिक दृष्टि से माह चिन्तादायक रहेगा। मान-सम्मान में भी

मेष राशि- (चू, चे, लो, ला, ली, लू, ले, अ) – चौदहवां दिन – Day 14 – 21 Din me kundli padhna sikhe – mesh rashi- (che, che, lo, la, lee, loo, le, a) – Chaudahavaan Din Read More »

pitr dosh ke shaanti ke upaay

पितृ दोष के शांति के उपाय – पितृ दोष निवारण उपाय – pitr dosh ke shaanti ke upaay – pitra dosh nivaran upay

1. कुंडली में पितृ दोष बन रहा हो तब जातक को घर की दक्षिण दिशा की दीवार पर अपने स्वर्गीय परिजनों का फोटो लगाकर उस पर हार चढ़ाकर रोजाना उनकी पूजा स्तुति करना चाहिए। उनसे आशीर्वाद प्राप्त करने से पितृदोष से मुक्ति मिलती है। 2. अपने स्वर्गीय परिजनों की निर्वाण तिथि पर जरूरतमंदों अथवा गुणी

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kundalee se pitr dosh ka mool rahasy

कुंडली से पितृ दोष का मूल रहस्य – किया कराया, जादू टोना – kundalee se pitr dosh ka mool rahasy – jadu tona kiya karaya ke upay

ज्योतिष में पूर्व जन्म के कर्मों के फलस्वरूप वर्तमान समय में कुंडली में वर्णित ग्रह दिशा प्रदान करते हैं। तभी तो हमारे धर्मशास्त्र सकारात्मक कर्मों को महत्व देते हैं। यदि हमारे कर्म अच्छे होते हैं तो अगले जन्म में ग्रह सकारात्मक परिणाम देते हैं। इसी क्रम में पितृदोष का भी निर्माण होता है। यदि हम

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pitra fault prevention tricks

पित्र दोष निवारण टोटके – पितृदोष | Pitra fault prevention tricks – pitrdosh

  ► याद रखे घर के सभी बड़े बुजर्ग को हमेशा प्रेम, सम्मान, और पूर्ण अधिकार दिया जाय , घर के महत्वपूर्ण मसलों पर उनसे सलाह मशविरा करते हुए उनकी राय का भी पूर्ण आदर किया जाय ,प्रतिदिन उनका अभिवादन करते हुए उनका आशीर्वाद लेने, उन्हे पूर्ण रूप से प्रसन्न एवं संतुष्ट रखने से भी

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what is pitridosh?

पितृदोष किसे कहते है ? – पितृदोष | What is Pitridosh? – pitrdosh

  हमारे पूर्वज, पितर जो कि अनेक प्रकार की कष्टकारक योनियों में अतृप्ति, अशांति, असंतुष्टि का अनुभव करते हैं एवं उनकी सद्गति या मोक्ष किसी कारणवश नहीं हो पाता तो हमसे वे आशा करते हैं कि हम उनकी सद्गति या मोक्ष का कोई साधन या उपाय करें जिससे उनका अगला जन्म हो सके एवं उनकी

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pitra tarpan is done on the same date

पितृ तर्पण उसी तिथि को किया जाता है – पितृदोष | Pitra tarpan is done on the same date – pitrdosh

  पितृ तर्पण उसी तिथि को किया जाता है जिस तिथि को पूर्वजों का देहान्त हुआ हो जिन्हें पूर्वजों की मृत्यु की तिथि याद ना हो वह अश्विन कृष्ण अमावस्या यानि सर्वपितृमोक्ष अमावस्या को यह कार्य करते है ताकि पित्तरों को मोक्ष मार्ग दिखाया जा सके। पितृ पक्ष की नौवी तिथि जिसे मातृ नवमी भी

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fathers farewell at the end of the paternal side

पितृ पक्ष की समाप्ति पर पितरों की विदाई – पितृदोष | Fathers farewell at the end of the paternal side – pitrdosh

  पितृ पक्ष में श्राद्ध करके पितृ अमावस्या के बाद सूर्यास्त के समय पितरों की पूर्ण आदर और श्रद्धा से विदाई अवश्य ही की जानी चाहिए । इसमें शास्त्रीय विधानानुसार सूर्यास्त के समय गंगा / नदी के तटों पर चौदह दीप प्रज्वलित कर पितरों का सिमरन करना चाहिए। इसके बाद दक्षिण दिशा की ओर मुंह

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