हीरे की चमक – राशि रत्न | Diamond shine – Rashi Ratna – Zodiac Stones
हीरे की चमक स्थायी व ताप में शीतल होती है।
हीरे की चमक स्थायी व ताप में शीतल होती है।
मेष राशि :– मेष राशि मंगल की राशि है. मेष राशि का व्यक्ति बुद्धि बल प्राप्त करने आत्मोन्नति, सन्तान सुख, प्रसिद्धि, राज्य कृपा के लिए माणिक्य धारण कर सकता है. सूर्य की महादशा में माणिक्य श्रेष्ठ फलदायक होता है. वृष राशि :– इस राशि के व्यक्ति को माणिक्य नहीं धारण करना चाहिए. क्योंकि यह …
बकरी के ताजे दूध में रखने पर कुछ समय उपरांत हीरा टूक-टूक हो जाता है।
हीरा बिजली का कुचालक होता है, अतः हाथ में हीरे की अंगूठी पहनने पर बिजली के झटके का प्रभाव नहीं पड़ता है।
हीरा सबसे अधिक कठोर होता है, जिससे किसी भी वस्तु से हीरे पर रगड़ या खरोंच का निशान या रगड़ने का भी निशान नहीं पड़ता।
रत्न धारण करते समय कुछ सावधानियों का ख्याल रखना आवश्यक होता है. जिस ग्रह की दशा अन्तर्दशा के समय अशुभ प्रभाव मिल रहा हो उस ग्रह से सम्बन्धित रत्न पहनना शुभ फलदायी नहीं होता है. इस स्थिति में इस ग्रह के मित्र ग्रह का रत्न एवं लग्नेश का रत्न धारण करना लाभप्रद होता है. …
रत्न और सावधानी – राशि रत्न | Gems and Caution – Rashi Ratna – Zodiac Stones Read More »
कर्म से ही भाग्य चमकता है. कहा भी गया है “जैसी करनी वैसी भरनी” ज्योतिष की दष्टि से कहें तो जैसा कर्म हम करते हैं भाग्य फल भी हमें वैसा ही मिलता है. भाग्य को पब्रल बनाने में कर्म का महत्वपूर्ण स्थान होता है. भाग्य भाव उत्तम हो और कर्म भाव पीड़ित तो इस …
कर्म भाव और रत्न – राशि रत्न | Deeds and gems – Rashi Ratna – Zodiac Stones Read More »
जन्म कुण्डली का तीसरा घर पराक्रम का घर कहा जाता है. जीवन में भाग्य का फल प्राप्त करने के लिए पराक्रम का होना आवश्यक होता है. अगर व्यक्ति में साहस और पराक्रम का अभाव हो तो उत्तम भाग्य होने पर भी व्यक्ति उसका लाभ प्राप्त करने से वंचित रह जाता है. आत्मविश्वास का अभाव …
तृतीय भाव और रत्न – राशि रत्न | Third house and gemstones – Rashi Ratna – Zodiac Stones Read More »
जीवन में भाग्य का बहुत ही महत्वपूर्ण होता है. भाग्य कमज़ोर होने पर जीवन में कदम कदम पर असफलताओं का मुंह देखना पड़ता है. भाग्य मंदा होने पर कर्म का फल भी संतोष जनक नहीं मिल पाता है. परेशानियां और कठिनाईयां सिर उठाए खड़ी रहती है. मुश्किल समय में अपने भी पराए हो जाते …
भाग्य भाव और रत्न – राशि रत्न | Fortune and gems – Rashi Ratna – Zodiac Stones Read More »
लग्न स्थान को शरीर कहा गया है. कुण्डली में इस स्थान का अत्यधिक महत्व है. इसी भाव से सम्पूर्ण व्यक्तित्व का विचार किया जाता है. लग्न स्थान और लग्नेश की स्थिति के अनुसार जीवन में सुख दु:ख एवं अन्य ग्रहों का प्रभाव भी देखा जाता है. कुण्डली में षष्टम, अष्टम और द्वादश भाव में …
लग्न और रत्न – राशि रत्न | Ascendant and Gemstone – Rashi Ratna – Zodiac Stones Read More »