रोहिणी नक्षत्र

mrigashira nakshatra samsya

मृगशिरा नक्षत्र – नक्षत्र के वृक्ष द्वारा अपनी समस्याओं को दूर करें – Orion constellation – mrigashira nakshatra samsya

मृगशिरा नक्षत्र के देवता मंगल को माना जाता है,जबकि वैज्ञानिक ष्टिकोण से खैर के पेड़ को मृगशिरा नक्षत्र का प्रतीक माना जाता है और मृगशिरा नक्षत्र में जन्म लेने वाले लोग खैर वृक्ष की पूजा करते है। इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले लोग अपने घर के खाली हिस्से में खैर के पेड को लगाते […]

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punarvasu nakshatra samsya

पुनर्वसु नक्षत्र – नक्षत्र के वृक्ष द्वारा अपनी समस्याओं को दूर करें – Punarvasu Star – punarvasu nakshatra samsya

पुनर्वसु नक्षत्र के देवता वृहस्पति को माना जाता है,जबकि वैज्ञानिक ष्टिकोण से बांस के पेड को पुनर्वसु नक्षत्र का प्रतीक माना जाता है और पुनर्वसु नक्षत्र में जन्म लेने वाले लोग बांस के वृक्ष की पूजा करते है। इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले लोग अपने घर के खाली हिस्से में बांस के पेड को

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magha nakshatra samsya

मघा नक्षत्र – नक्षत्र के वृक्ष द्वारा अपनी समस्याओं को दूर करें – Magha Nakshatra – magha nakshatra samsya

मघा नक्षत्र के देवता केतु को माना जाता है,जबकि वैज्ञानिक ष्टिकोण से बरगद के पेड को मघा नक्षत्र का प्रतीक माना जाता है और मघा नक्षत्र में जन्म लेने वाले लोग बरगद की पूजा करते है। इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले लोग अपने घर के खाली हिस्से में बरगद के पेड को लगाते है,

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uttaraaphaalgunee nakshatr samsya

उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र – नक्षत्र के वृक्ष द्वारा अपनी समस्याओं को दूर करें – Uttrafalguni Star – uttaraaphaalgunee nakshatr samsya

उत्तराफल्गुनी नक्षत्र के देवता रवि को माना जाता है,जबकि वैज्ञानिक ष्टिकोण से रुद्राक्ष के पेड को उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र का प्रतीक माना जाता है और उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र में जन्म लेने वाले लोग रुद्राक्ष वृक्ष की पूजा करते है। इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले लोग अपने घर के खाली हिस्से में रुद्राक्ष के पेड को लगाते

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ashwini nakshatra

अश्विनी नक्षत्र – नक्षत्र के वृक्ष द्वारा अपनी समस्याओं को दूर करें – Ashwini Nakshatra – ashwini nakshatra

अश्विनी नक्षत्र के देवता केतु को माना जाता है, जबकि वैज्ञानिक ष्टिकोण से आंवला के पेड़ को अश्विनी नक्षत्र का प्रतीक माना जाता है और अश्र्िवनी नक्षत्र में जन्म लेने वाले लोग आंवला के पेड की पूजा करते है। इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले लोग अपने घर के खाली हिस्से में आंवला के पेड

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Shravana nakshatra

माता पिता के भक्त होते हैं श्रवण नक्षत्र के जातक – गृह नक्षत्र का प्रभाव – The parents of the man hearing the constellation of the native – Shravana nakshatra

ज्योतिषशास्त्र में नक्षत्रों की महत्ता का बखान मिलता है। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार व्यक्ति जिस नक्षत्र में जन्म लेता है उस नक्षत्र का प्रभाव व्यक्ति पर जीवन भर रहता है। जन्म नक्षत्र, नक्षत्र स्वामी और उसकी राशि एवं राशि स्वामी से व्यक्ति सदा प्रभावित रहता है। यहां देखते हैं कि श्रवण नक्षत्र में जन्म लेने वाले

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revati nakshatra

भरोसेमंद होते हैं रेवती नक्षत्र के जातक – गृह नक्षत्र का प्रभाव – Trustworthy are Revathi constellation of native – revati nakshatra

नक्षत्र मंडल में रेवती का स्थान 27 वां हैं (Revti is the 27th Nakshatra in the group of Constellation)। यह आखिरी नक्षत्र माना जाता है। इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले व्यक्ति के विषय में ज्योतिषशास्त्र क्या कहता है आइये इसकी जानकारी प्राप्त करें। रेवती नक्षत्र का स्वामी बुध होता है और राशि स्वामी बृहस्पति

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nakshatra

नक्षत्रों का मानव जीवन पर प्रभाव – गृह नक्षत्र का प्रभाव – Impact on human life of stars – nakshatra

आकाश मंडल में 27 नक्षत्र और अभिजीत को मिलाकर कुल 28 नक्षत्र होते हैं। राशियों पर 27 नक्षत्रों का ही प्रभाव माना गया है। जन्म के समय हम किस नक्षत्र में जन्में हैं, उसका स्वामी कौन है व उसकी जन्म कुंडली में किस प्रकार की स्थिति है। जन्म के समय का नक्षत्र उदित है या

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krittika nakshatra

कृत्तिका नक्षत्र – गृह नक्षत्र का प्रभाव – Krittika Star – krittika nakshatra

वृभष राशि में कृत्तिका नक्षत्र के अंतिम 3 चरण होते हैं। इसमें ई, उ, ए जन्माक्षर होते हैं। नक्षत्र स्वामी सूर्य व राशि स्वामी शुक्र है। कृत्तिका के अंतिम 3 चरणों में जिनका जन्म हुआ है। वे शुक्र व सूर्य से जीवन भर प्रभावित होते रहेंगे। जन्म जिस लग्न में हो उसके स्वामी का भी

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bharani nakshatra

भरणी नक्षत्र – गृह नक्षत्र का प्रभाव – Bharani constellation – bharani nakshatra

जिस जातक का जन्म भरणी नक्षत्र में हो तो उसकी राशि मेष होगी वहीं नक्षत्र का स्वामी शुक्र होगा। इस नक्षत्र में जन्में जातक पर मंगल, शुक्र का प्रभाव जीवन भर पड़ेगा जहाँ ऊर्जा, साहस महत्वाकांक्षा देगा। वहीं शुक्र कला, सौंदर्य धन व सेक्स का कारण बनता है। भरणी में जन्म होने से जन्म के

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