विशाखा नक्षत्र

tula lagna moola nakshatra

तुला लग्न मूल नक्षत्र – मूल नक्षत्र – You marry the child star – tula lagna moola nakshatra

तुला लग्न में केतु एकादश तृतीय षष्ठ में व गुरु एकादश, द्वितीय, तृतीय भाव में शुभ फलदायी रहेगा।वृश्चिक लग्न में नक्षत्र स्वामी केतु पंचम चतुर्थ लग्न द्वितीय दशम में व गुरु लग्न पंचम नवम दशम द्वितीय में शुभ फलदायी होगा। tula lagna moola nakshatra – तुला लग्न मूल नक्षत्र – तुला लग्न मूल नक्षत्र – […]

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aashlesha nakshatr ke jaatak

आश्लेषा नक्षत्र के जातक – जन्म नक्षत्र का व्यक्तित्व पर प्रभाव – Ashlesha constellation of native – aashlesha nakshatr ke jaatak

नक्षत्रों की गणना के क्रम में आश्लेषा नक्षत्र नवम स्थान पर आता है। यह नक्षत्र कर्क राशि के अन्तर्गत आता है। इस नक्षत्र का स्वामी बुध होता है। इस नक्षत्र को अशुभ नक्षत्र की श्रेणी में रखा गया है क्योंकि यह गण्डमूल नक्षत्र के अन्तर्गत आता है। इस नक्षत्र में पैदा लेने वाले व्यक्ति गण्डमूल

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svaati nakshatr ke jaatak motee ke samaan chamakate hain

स्वाति नक्षत्र के जातक मोती के समान चमकते हैं – जन्म नक्षत्र का व्यक्तित्व पर प्रभाव – Swati constellation of native shine like pearls – svaati nakshatr ke jaatak motee ke samaan chamakate hain

स्वाति नक्षत्र का स्वरूप मोती के समान है। इसे शुभ नक्षत्रों में गिना जाता है। इस नक्षत्र के विषय में मान्यता है कि, इस नक्षत्र के दौरान जब वर्षा की बूंदें मोती के मुख में पड़ती है तब सच्चा मोती बनता है, बांस में इसकी बूंदे पड़े तो बंसलोचन और केले में पड़े में कर्पूर

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solahavan nakshatra hai vishakha nakshatra

सोलहवां नक्षत्र है विशाखा नक्षत्र – जन्म नक्षत्र का व्यक्तित्व पर प्रभाव – Sixteenth constellation Vishakha Nakshatra – solahavan nakshatra hai vishakha nakshatra

विशाखा नक्षत्र को नक्षत्र मंडल में 16 वां स्थान प्राप्त है। इस नक्षत्र को त्रिपाद नक्षत्र कहते हैं क्योंकि इसके तीन चरण तुला राशि में होते हैं और अंतिम चरण वृश्चिक में। इसका रंग सुनहरा होता है।इस नक्षत्र के स्वामी देवगुरू बृहस्पति होते हैं। इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले व्यक्ति पर बृहस्पति और उपरोक्त

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jyeshtha nakshatr

ज्येष्ठा नक्षत्र – नक्षत्र के वृक्ष द्वारा अपनी समस्याओं को दूर करें – Jyeshtha Star – jyeshtha nakshatr

ज्येष्ठा नक्षत्र के देवता बुध को माना जाता है,जबकि वैज्ञानिक ष्टिकोण से चीड के पेड को ज्येष्ठा नक्षत्र का प्रतीक माना जाता है और ज्येष्ठा नक्षत्र में जन्म लेने वाले लोग चीड की पूजा करते है। इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले लोग अपने घर के खाली हिस्से में चीड के पेड को लगाते है

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swati nakshatra

स्वाती नक्षत्र – नक्षत्र के वृक्ष द्वारा अपनी समस्याओं को दूर करें – Swati nakshatra – swati nakshatra

स्वाती नक्षत्र के देवता राहु को माना जाता है,जबकि वैज्ञानिक ष्टिकोण से अर्जुन के पेड को स्वाती नक्षत्र का प्रतीक माना जाता है और स्वाती नक्षत्र में जन्म लेने वाले लोग अर्जुन वृक्ष की पूजा करते है। इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले लोग अपने घर के खाली हिस्से में अर्जुन के पेड को लगाते

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anuradha nakshatra samshya

अनुराधा नक्षत्र – नक्षत्र के वृक्ष द्वारा अपनी समस्याओं को दूर करें – Anuradha constellation – anuradha nakshatra samshya

अनुराधा नक्षत्र के देवता शनि को माना जाता है,जबकि वैज्ञानिक ष्टिकोण से मौल श्री के पेड को अनुराधा नक्षत्र का प्रतीक माना जाता है और अनुराधा नक्षत्र में जन्म लेने वाले लोग मौल श्री की पूजा करते है। इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले लोग अपने घर के खाली हिस्से में मौल श्री के पेड

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chitra nakshatra samsya

चित्रा नक्षत्र – नक्षत्र के वृक्ष द्वारा अपनी समस्याओं को दूर करें – Figure Star – chitra nakshatra samsya

चित्रा नक्षत्र के देवता चित्रगुप्त को माना जाता है,जबकि वैज्ञानिक ष्टिकोण से बेल के पेड़ को चित्रा नक्षत्र का प्रतीक माना जाता है और चित्रा नक्षत्र में जन्म लेने वाले लोग बेल वृक्ष की पूजा करते है। इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले लोग अपने घर के खाली हिस्से में बेल के पेड को लगाते

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Shravana nakshatra

माता पिता के भक्त होते हैं श्रवण नक्षत्र के जातक – गृह नक्षत्र का प्रभाव – The parents of the man hearing the constellation of the native – Shravana nakshatra

ज्योतिषशास्त्र में नक्षत्रों की महत्ता का बखान मिलता है। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार व्यक्ति जिस नक्षत्र में जन्म लेता है उस नक्षत्र का प्रभाव व्यक्ति पर जीवन भर रहता है। जन्म नक्षत्र, नक्षत्र स्वामी और उसकी राशि एवं राशि स्वामी से व्यक्ति सदा प्रभावित रहता है। यहां देखते हैं कि श्रवण नक्षत्र में जन्म लेने वाले

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anuradha nakshatra

अनुराधा नक्षत्र के जातक अनुभवी एवं सिद्धांतवादी होते हैं। – गृह नक्षत्र का प्रभाव – Anuradha constellation of native are experienced and principled. – anuradha nakshatra

अनुराधा नक्षत्र को नक्षत्र मंडल में 17वां स्थान प्राप्त है। इसे शुभ नक्षत्र के रूप में शुमार किया जाता है। इस नक्षत्र का स्वामी शनि ग्रह है। और इस नक्षत्र की राशि वृश्चिक है और इस राशि का स्वामी मंगल कहलता है। इस नक्षत्र के स्वामी और राशि के स्वामी में वैर भाव होता है।

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