स्त्री ब्रह्मचर्य

education to live a moderate life

संयमी जीवन जीने की शिक्षा – ब्रह्मचर्य विज्ञान | Education to live a moderate life – brahmacharya vigyan

  विद्युत शक्ति के साथ खिलवाड़ किया जाएँ तो वो झटका मार देती है परन्तु यदि नियन्त्रित कर लिया जाए तो वह वरदान बन जाती है यह बात वासना एवं ब्रह्मचर्य के विषय में भी स्टीक बैठती है इसलिए ऋषि पतंजलि समाज को संयमी जीवन जीने की शिक्षा देते है। यद्यपि भारतीय धर्मग्रन्थों में ब्रह्मचर्य […]

संयमी जीवन जीने की शिक्षा – ब्रह्मचर्य विज्ञान | Education to live a moderate life – brahmacharya vigyan Read More »

pusvan samskar

पुंसवन संस्कार – ब्रह्मचर्य विज्ञान | Pusvan Samskar – brahmacharya vigyan

  यह संस्कार गर्भावस्था के दूसरे व तीसरे माह में किया जाता है। इसका उदेश्य गर्भस्थ शिशु को पौरुषयुक्त अर्थात् बलवान, हृष्ट-पुष्ट,निरोगी, तेजस्वी, एवं सुन्दरता के लिए किया जाता है। चरक संहिता के अनुसार उकडूं बैठने, ऊंचे-नीचे स्थानों में फिरने, कठिन आसन पर बैठने, वायु-मलमूत्रादि के वेग को रोकने, कठोर परिश्रम करने, गर्म तथा तेज

पुंसवन संस्कार – ब्रह्मचर्य विज्ञान | Pusvan Samskar – brahmacharya vigyan Read More »

what is the need of celibacy

ब्रह्मचर्य की क्या जरूरत है – ब्रह्मचर्य विज्ञान | What is the need of celibacy – brahmacharya vigyan

  जो लोग ब्रह्मचर्य को सिर्फ पुराना और किताबी मानकर अपने मन मुखी जीवन का आनंद उठाने की ललक मे रहते हैं और अपने को वैज्ञानिक समझ वालों की श्रेणी मे समझते हैं, वे ब्रह्मचर्य की ऊर्जा के आनंद से रीते रह जाते हैं. हमारे भीतर एक जीवनी ऊर्जा शक्ति होती है, वह जब बढती

ब्रह्मचर्य की क्या जरूरत है – ब्रह्मचर्य विज्ञान | What is the need of celibacy – brahmacharya vigyan Read More »

brahmacharya sixteen rites

ब्रह्मचर्य सोलह संस्कार – ब्रह्मचर्य विज्ञान | Brahmacharya Sixteen Rites – brahmacharya vigyan

  ► गर्भाधान संस्कार स्वस्थ सुसंस्कृत युवक एवं युवती जो आयु परिपुष्ट हों सुमन, सुचित्त होकर परिवार हेतु सन्तान प्राप्ति के उद्देश्य से इस संस्कार को करते हैं। वैदिक संस्कृति में गर्भाधान को श्रेष्ठ गुण, कर्म, स्वभाववाली आत्मा को बुलाने के लिए धार्मिक पवित्र यज्ञ माना गया है। जैसे अच्छे वृक्ष या खेती के लिए

ब्रह्मचर्य सोलह संस्कार – ब्रह्मचर्य विज्ञान | Brahmacharya Sixteen Rites – brahmacharya vigyan Read More »

funeral

अन्त्येष्टि संस्कार – ब्रह्मचर्य विज्ञान | Funeral – brahmacharya vigyan

  इसका नाम नरमेध, पुरुषमेध या पुरुषयाग भी है। यह मृत्यु के पीछे उसके शरीर पर किया जाता है। संसार में प्रचलित अन्य पद्धतियों में षवदाह की वैदिक पद्धति ही सर्वश्रेष्ठ पद्धति है।विश्वभर के लोग मरने पर मृतक शरीर को पृथ्वी, जल, अग्नि व वायु इन तत्वों में से किसी एक की भेंट कर देते

अन्त्येष्टि संस्कार – ब्रह्मचर्य विज्ञान | Funeral – brahmacharya vigyan Read More »

prevention of dreams

स्वप्नदोष का निवारण – ब्रह्मचर्य विज्ञान | Prevention of dreams – brahmacharya vigyan

  वर्तमान समय में कामुकता अत्यधिक बडती जा रही हे, आज के युवा संयम का पालन नहीं कर रहें हें जिसके कारण आज गुप्त रोग अत्यधिक बड़ता जा रहा हें। काम वासना के विकार हमारें शरीर को हिलाकर रख देते हें , हमें शक्तिहीन व निस्तेज बना देतें हें , शरीर में जहर घोल देतें

स्वप्नदोष का निवारण – ब्रह्मचर्य विज्ञान | Prevention of dreams – brahmacharya vigyan Read More »

renunciation ceremony

संन्यास संस्कार – ब्रह्मचर्य विज्ञान | Renunciation ceremony – brahmacharya vigyan

  संन्यास = सं + न्यास। अर्थात् अब तक लगाव का बोझ जो उसके कन्धों पर है, उसे उठाकर अलग धर देना। मोहादि आवरण पक्षपात छोड़ के विरक्त होकर सब पृथ्वी में परोपकारार्थ विचरना।संन्यास ग्रहण के प्रथम प्रकार को क्रम संन्यास कहते हैं। जिसमें क्रमश: ब्रह्मचर्य, गृहस्थ, वानप्रस्थ होके संन्यास लिया जाता है। द्वितीय प्रकार

संन्यास संस्कार – ब्रह्मचर्य विज्ञान | Renunciation ceremony – brahmacharya vigyan Read More »

student morning

विद्यार्थी प्रातःकाल – ब्रह्मचर्य विज्ञान | Student morning – brahmacharya vigyan

  विद्यार्थी प्रातःकाल सूर्य उदय होने से एक घण्टा पहले शैया त्यागकर शौचादि से निवृत हो व्यायाम करे या वायु-सेवनार्थ बाहर मैदान में जावे। सूर्य उदय होने के पाँच-दस मिनट पूर्व स्नान से निवृत होकर यथा-विश्‍वास परमात्मा का ध्यान करे। सदैव कुऐं के ताजे जल से स्नान करे। यदि कुऐं का जल प्राप्‍त हो तो

विद्यार्थी प्रातःकाल – ब्रह्मचर्य विज्ञान | Student morning – brahmacharya vigyan Read More »

vanaprastha rite

वानप्रस्थ संस्कार – ब्रह्मचर्य विज्ञान | Vanaprastha rite – brahmacharya vigyan

  गृहस्थाश्रम में अक्षमता के स्तर पर अस्तित्व पहचान संकट पैदा होने पर प्रदत्तीकरण (डेलीगेषन) तथा यम, नियम, वियम, संयम (यम-लोक) योगाभ्यास साधना द्वारा आत्मिक क्षमतावृद्धि करना वानप्रस्थ आश्रम है। विवाह से सुसन्तानोत्पत्ति करके, पूर्ण ब्रह्मचर्य से, पुत्र के विवाह उपरान्त पुत्र की भी एक सन्तान हो जाए, तब व्यक्ति को वानप्रस्थ अर्थात् वन में

वानप्रस्थ संस्कार – ब्रह्मचर्य विज्ञान | Vanaprastha rite – brahmacharya vigyan Read More »

dandruff

बाल्यावस्था में कुटेव – ब्रह्मचर्य विज्ञान | Dandruff – brahmacharya vigyan

  जिन विद्यार्थियों को बाल्यावस्था में कुटेव की बान पड़ जाती है जिन विद्यार्थियों को बाल्यावस्था में कुटेव की बान पड़ जाती है, या जो बुरी संगत में पड़कर अपना आचरण बिगाड़ लेते हैं और फिर अच्छी शिक्षा पाने पर आचरण सुधारने का प्रयत्‍न करते हैं, परन्तु सफल मनोरथा नहीं होते, उन्हें भी निराश न

बाल्यावस्था में कुटेव – ब्रह्मचर्य विज्ञान | Dandruff – brahmacharya vigyan Read More »

Scroll to Top