ग्यारहवाँ दिन – Day 11 – 21 Din me kundli padhna sikhe

kundalee ke liye aavashyak kaarak

कुंडली के लिये आवश्यक कारक – ग्यारहवाँ दिन – Day 11 – 21 Din me kundli padhna sikhe – kundalee ke liye aavashyak kaarak – Gyarahavaan Din

कुंडली को बनाने के लिये जो मुख्य कारक सामने लाये जाते है उनके अनुसार पहला जन्म का समय, दूसरा जन्म की तारीख, तीसरा जन्म का महिना चौथा जन्म की साल और पांचवा जन्म का स्थान, इन पांच कारकों को शुद्ध देखना जरूरी होता है, इन पांच कारकों में एक के भी अशुद्ध होने से या […]

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janm samay se upyog mein paaye jaane vaale karak

जन्म समय से उपयोग में लाये जाने वाले कारक – ग्यारहवाँ दिन – Day 11 – 21 Din me kundli padhna sikhe – janm samay se upyog mein paaye jaane vaale karak – Gyarahavaan Din

सही जन्म समय के मिलने के बाद लगन को सही बनाया जा सकता है लगन के अंशों के अनुसार अन्य भावों के बल का रूप समझा जाता है, सही जन्म समय होन से नवांश दसवांश आदि के लिये सही जानकारी मिल जाती है और सूक्ष्म से सूक्षम विवेचन करने और घटना को सही बताने के

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janm kee taareekh

जन्म की तारीख – ग्यारहवाँ दिन – Day 11 – 21 Din me kundli padhna sikhe – janm kee taareekh – Gyarahavaan Din

जन्म की तारीख का उपयोग चन्द्रमा की सही राशि के बारे में और उसके अंशो के अनुसार नक्षत्र का जानना तथा नक्षत्र के पाये का जानना बहुत जरूरी होता है। जन्म की तारीख – janm kee taareekh – ग्यारहवाँ दिन – Day 11 – 21 Din me kundli padhna sikhe – Gyarahavaan Din

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laharee paddhati

लहरी पद्धति – ग्यारहवाँ दिन – Day 11 – 21 Din me kundli padhna sikhe – laharee paddhati – Gyarahavaan Din

कुंडली बनाकर जातक के जीवन के प्रति विवेचन करने के लिये जो विधियां वैदिक रीति से प्रयोग में लायी जाती है उनके अनुसार लहरी पद्धति का प्रयोग किया जाता है। सायन पद्धति को पाश्चात्य पद्धति के नाम से जाना जाता है और सूर्य को मुख्य ग्रह मानकर फ़ला देश किया जाता है जो लहरी पद्धति

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