दसवां दिन – Day 10 – 21 Din me kundli padhna sikhe

hans yog - kundli mein rajyog

हंस योग – कुंडली में राज योग – दसवां दिन – Day 10 – 21 Din me kundli padhna sikhe – hans yog – kundli mein rajyog – Dasavan Din

बृहस्पति केंद्रस्थ होकर मूल त्रिकोण स्वगृही अथवा उच्च का हो तब “हंस योग” होता है। यह मानवीय गुणों से ओत-प्रोत, गैरंग, सुन्दर, हसमुख, मिलनसार, विनम्र होने के साथ, अपार धन-सम्पत्तिवान होता है। पुण्य कर्मों में रुचि रखने वाला, दयालु, कृपालु, शास्त्र का ज्ञान रखने वाला होता है। हंस योग – कुंडली में राज योग – […]

हंस योग – कुंडली में राज योग – दसवां दिन – Day 10 – 21 Din me kundli padhna sikhe – hans yog – kundli mein rajyog – Dasavan Din Read More »

maalavy yog - kundalee mein raaj yog

मालव्य योग – कुंडली में राजयोग – दसवां दिन – Day 10 – 21 Din me kundli padhna sikhe – maalavy yog – kundalee mein raaj yog – Dasavan Din

कुंडली में केंद्रस्थ शुक्र, मूलत्रिकोण अथवा स्वगृही उच्च का होकर विराजमान हो तो “मालव्य योग” बनता है। इस योग के जातक सुन्दर, गुणी, तेजस्वी, धैर्यवान, धनी तथा जीवन पर्यन्त सुख-सुविधा युक्त रहते हैं। मालव्य योग – कुंडली में राजयोग – maalavy yog – kundalee mein raaj yog – दसवां दिन – Day 10 – 21

मालव्य योग – कुंडली में राजयोग – दसवां दिन – Day 10 – 21 Din me kundli padhna sikhe – maalavy yog – kundalee mein raaj yog – Dasavan Din Read More »

shash yog - kundalee mein raaj yog

शश योग – कुंडली में राज योग – दसवां दिन – Day 10 – 21 Din me kundli padhna sikhe – shash yog – kundalee mein raaj yog – Dasavan Din

शनि की स्वराशिस्थ, उच्च या मूल त्रिकोण राशिस्थ केंद्र भाव में स्थिति से “शश योग” होता है। यह योग सप्तम भाव या दशम भाव में होता है तो व्यक्ति विपुल धन-संपत्ति का स्वामी होता है। व्यवसाय और नौकरी कि कला के क्षेत्र में ख्याति प्राप्त करता है। यह समुदाय का मुखिया जैसे उच्च पद को

शश योग – कुंडली में राज योग – दसवां दिन – Day 10 – 21 Din me kundli padhna sikhe – shash yog – kundalee mein raaj yog – Dasavan Din Read More »

roochak yog - kundalee mein raaj yog

रूचक योग – कुंडली में राज योग – दसवां दिन – Day 10 – 21 Din me kundli padhna sikhe – roochak yog – kundalee mein raaj yog – Dasavan Din

मंगल केंद्रस्थ होकर अपनी मूल त्रिकोण, स्वगृही अथवा उच्च राशि का हो तो “रूचक योग” होता है । रूचक योग होने पर जातक बलवान, साहसी, तेजस्वी, उच्च स्तरीय वाहन रखने वाला होता है । इस योग में जन्मा जातक विशेष पद प्राप्त करता है । रूचक योग – कुंडली में राज योग – roochak yog

रूचक योग – कुंडली में राज योग – दसवां दिन – Day 10 – 21 Din me kundli padhna sikhe – roochak yog – kundalee mein raaj yog – Dasavan Din Read More »

bhadr yog - kundalee mein raaj yog

भद्र योग – कुंडली में राज योग – दसवां दिन – Day 10 – 21 Din me kundli padhna sikhe – bhadr yog – kundalee mein raaj yog – Dasavan Din

बुद्ध केंद्र में मूल त्रिकोण स्वगृही अथवा उच्च का हो तो “भद्र योग” होता है। इस योग का जातक उच्च व्यवसाई होता है। अपने प्रबंधन, कौशल, बुद्धि-विवेक का उपयोग कर व्यवसाय द्वारा धनोपार्जन करता है। ऐसे जातक के जीवन में समुचित आयु में बुद्ध कि दशा आ जाय तो ऐसा जातक मिट्टी में भी हाथ

भद्र योग – कुंडली में राज योग – दसवां दिन – Day 10 – 21 Din me kundli padhna sikhe – bhadr yog – kundalee mein raaj yog – Dasavan Din Read More »

Scroll to Top