प्रभाव

saturn's seven and a half

शनि की साढ़ेसाती – शनि ग्रह प्रभाव | Saturn’s seven and a half – shani grah prabhaav

  जन्म राशि (चन्द्र राशि) से गोचर में जब शनि द्वादश, प्रथम एवं द्वितीय स्थानों में भ्रमण करता है, तो साढ़े -सात वर्ष के समय को शनि की साढ़ेसाती कहते हैं। एक साढ़ेसाती तीन ढ़ैया से मिलकर बनती है। क्योंकि शनि एक राशि में लगभग ढ़ाई वर्षों तक चलता है। प्रायः जीवन में तीन बार […]

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saturn is the main form in human body

शनि मनुष्य के शरीर में मुख्य रूप – शनि ग्रह प्रभाव | Saturn is the main form in human body – shani grah prabhaav

  शनि मनुष्य के शरीर में मुख्य रूप से वायु तत्व का प्रतिनिधित्व करते हैं तथा ज्योतिष की गणनाओं के लिए ज्योतिषियों का एक र्वग इन्हें तटस्थ अथवा नपुंसक ग्रह मानता है जबकि ज्योतिषियों का एक अन्य वर्ग इन्हें पुरुष ग्रह मानता है। तुला राशि में स्थित होने से शनि को सर्वाधिक बल प्राप्त होता

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saturn's pain relief

शनि ग्रह की पीड़ा के निवारण – शनि ग्रह प्रभाव | Saturn’s pain relief – shani grah prabhaav

  घर में रोटी बनाकर काली गाय या काले कुत्ते को खिलाएं। शनि ग्रह की पीड़ा के निवारण के लिए शनि से संबंधित जड़ी बूटियों व औषधियों से स्नान करने का विधान है। यह स्नान सप्ताह में एक बार किया जाता है। औषधियों को अभीष्ट दिन से पूर्व रात्रि में शुद्ध जल में भिगो दें

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saturn planet

शनि ग्रह – शनि ग्रह प्रभाव | Saturn planet – shani grah prabhaav

  ज्योतिष को मानने वाले अधिकतर लोग शनि ग्रह से सबसे अधिक भयभीत रहते हैं तथा अपनी जन्म कुंडली से लेकर गोचर, महादशा तथा साढ़े सती में इस ग्रह की स्थिति और उससे होने वाले लाभ या हानि को लेकर चिंतित रहते हैं तथा विशेष रुप से हानि को लेकर। शनि ग्रह को भारतवर्ष में

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fasting method

व्रत की विधि – शनि ग्रह प्रभाव | Fasting method – shani grah prabhaav

  (क) शनिवार को व्रत किसी भी मास के शुक्ल पक्ष के प्रथम शनिवार से शुरु करें। (ख) शनि ग्रह का व्रत प्रत्येक शनिवार को ही रखें। (ग) शनि ग्रह के व्रतों की संख्या कम-से-कम १८ होनी चाहिए। तथापि पूर्ण लाभ के लिए लगातार एक वर्ष तक व्रत रखें। (घ) भोजन के रूप में उड़द

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shani tale

शनि कथा – शनि ग्रह प्रभाव | Shani tale – shani grah prabhaav

  एक समय स्वर्गलोक में सबसे बड़ा कौन के प्रश्न को लेकर सभी देवताओं में वाद-विवाद प्रारम्भ हुआ और फिर परस्पर भयंकर युद्ध की स्थिति बन गई. सभी देवता देवराज इंद्र के पास पहुंचे और बोले, देवराज! आपको निर्णय करना होगा कि नौ ग्रहों में सबसे बड़ा कौन है? देवताओं का प्रश्न सुनकर देवराज इंद्र

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remedy for unlucky saturn

अशुभ शनि के लिए उपाय – शनि ग्रह प्रभाव | Remedy for unlucky Saturn – shani grah prabhaav

  शनि ग्रह के अशुभ प्रभावों को दूर करने के लिए निम्नलिखित उपाय करने चाहिएं : 1. शनि ग्रह के तांत्रिक मंत्र का प्रतिदिन 107 बार पाठ करें। मंत्र है क्क प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः। शनि मन्त्र के अनुष्ठान की मन्त्र जाप संख्या है 23, 000 है। 2. शनि ग्रह का यंत्र गले

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hallmark of unlucky saturn

अशुभ शनि की पहचान – शनि ग्रह प्रभाव | Hallmark of unlucky saturn – shani grah prabhaav

  जन्मकुंडली में शनि ग्रह अशुभ प्रभाव में होने पर व्यक्ति को निर्धन, आलसी, दुःखी, कम शक्तिवान, व्यापार में हानि उठाने वाला, नशीले पदार्थों का सेवन करने वाला, अल्पायु निराशावादी, जुआरी, कान का रोगी, कब्ज का रोगी, जोड़ों के दर्द से पीड़ित, वहमी, उदासीन, नास्तिक, बेईमान, तिरस्कृत, कपटी, अधार्मिक तथा मुकदमें व चुनावों में पराजित

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remedy for auspicious shani

शुभ शनि के लिए उपाय – शनि ग्रह प्रभाव | Remedy for auspicious Shani – shani grah prabhaav

  शुभ तथा सम शनि ग्रह के प्रभाव में वृद्धि करने के लिए निम्नलिखित उपाय करें। १. शनिवार को नीलम रत्न धारण करें। नीलम रत्न चांदी अथवा लोहे की अंगूठी में मध्यमा अंगुली में धारण करना चाहिए। अंगूठी इस प्रकार बनवाएं कि नीलम नीचे से आपकी त्वचा को छूता रहे। नीलम धारण करने से पहले

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shanidev prayer

शनिदेव प्रार्थना – शनि ग्रह प्रभाव | Shanidev Prayer – shani grah prabhaav

  हे शनिदेव, तेरी महिमा अपरमपार है। मेरी तुमसे यही प्रार्थना है मेरे से कभी भी अन्याय, अत्याचार, दूराचार, पापाचार, व्यभिचार ना हो। दुःख और सुख जीवन का हिस्सा हैं। सुख में अभिमान ना करूँ। दुःख के समय मुझे इतनी शक्ति दो कि मैं उसका सामना कर सकूँ। हे शनिदेव ! मैं तेरी सन्तान हूँ।

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