saturn planet

शनि ग्रह – शनि ग्रह प्रभाव | Saturn planet – shani grah prabhaav

 

ज्योतिष को मानने वाले अधिकतर लोग शनि ग्रह से सबसे अधिक भयभीत रहते हैं तथा अपनी जन्म कुंडली से लेकर गोचर, महादशा तथा साढ़े सती में इस ग्रह की स्थिति और उससे होने वाले लाभ या हानि को लेकर चिंतित रहते हैं तथा विशेष रुप से हानि को लेकर। शनि ग्रह को भारतवर्ष में शनिदेव तथा शनि महाराज के नाम से संबोधित किया जाता है तथा भारतीय ज्योतिष में विश्वास रखने वाले बहुत से लोग यह मानते हैं कि नकारात्मक होने पर यह ग्रह कुंडली धारक को किसी भी अन्य ग्रह की अपेक्षा बहुत अधिक नुकसान पहुंचा सकता है। शनि ग्रह के भारतीय ज्योतिष में विशेष महत्व को इस तथ्य से आसानी से समझा जा सकता है कि भारत में शनि मंदिरों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है तथा इन मंदिरों में आने वाले लोगों की संख्या भी लगातार बढ़ रही है। इनमें से अधिकतर लोग शनि मंदिरों में शनिवार वाले दिन ही जाते हैं तथा शनिदेव की कारक वस्तुएं जैसे कि उड़द की साबुत काली दाल तथा सरसों का तेल शनि महाराज को अर्पण करते हैं तथा उनकी कृपा दृष्टि के लिए प्रार्थना करते हैं।

शनि मुख्य रूप से

शनि मुख्य रूप से शारीरिक श्रम से संबंधित व्यवसायों तथा इनके साथ जुड़े व्यक्तियों के कारक होते हैं जैसे कि श्रम उद्योगों में काम करने वाले श्रमिक, इमारतों का निर्माण कार्य तथा इसमें काम करने वाले श्रमिक, निर्माण कार्यों में प्रयोग होने वाले भारी वाहन जैसे रोड रोलर, क्रेन, डिच मशीन तथा इन्हें चलाने वाले चालक तथा इमारतों, सड़कों तथा पुलों के निर्माण में प्रयोग होने वाली मशीनरी और उस मशीनरी को चलाने वाले लोग। इसके अतिरिक्त शनि जमीन के क्रय-विक्रय के व्यवसाय, इमारतों को बनाने या फिर बना कर बेचने के व्यवसाय तथा ऐसे ही अन्य व्यवसायों, होटल में वेटर का काम करने वाले लोगों, द्वारपालों, भिखारियों, अंधों, कोढ़ियों, लंगड़े व्यक्तियों, कसाईयों, लकडी का काम करने वाले लोगों, जन साधारण के समर्थन से चलने वाले नेताओं, वैज्ञानिकों, अन्वेषकों, अनुसंधान क्षेत्र में काम करने वाले लोगों, इंजीनियरों, न्यायाधीशों, परा शक्तियों तथा इसका ज्ञान रखने वाले लोगों तथा अन्य कई प्रकार के क्षेत्रों तथा उनसे जुड़े व्यक्तियों के कारक होते हैं।

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