मिर्गी कितने प्रकार की होती है

mirgi rogi ki chikitsa kaise karen

मिर्गी रोगी की चिकित्सा कैसे करें – घरेलू उपचार – mirgi rogi ki chikitsa kaise karen – gharelu upchar

१) अंगूर का रस मिर्गी रोगी के लिये अत्यंत उपादेय उपचार माना गया है। आधा किलो अंगूर का रस निकालकर प्रात:काल खाली पेट लेना चाहिये। यह उपचार करीब ६ माह करने से आश्चर्यकारी सुखद परिणाम मिलते हैं। २) एप्सम साल्ट (मेग्नेशियम सल्फ़ेट) मिश्रित पानी से मिर्गी रोगी स्नान करे। इस उपाय से दौरों में कमी […]

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मिर्गी, हिस्टीरिया या दिमागी कमजोरी के लिए वास्तु नियम – वास्तु और स्वास्थ्य – mirgi, histeeriya ya dimaagee kamajoree ke liye vastu niyam – vastu aur swasthya

उतर-पश्चिम, दखिन- पश्चिम, पश्चिम या दक्षिण दिशा के शयनकक्ष में सोना चाहिए, रोगी का शयन कक्ष भवन के उत्तर-पूर्व दिशा में कतई नही होना चाहिए, इससे अशांति बनती है, पाँचमुखी रुद्राक्ष या एकमुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए… शिव उपासना करना शुभ/लाभ दायक रहेगा, मिर्गी, हिस्टीरिया या दिमागी कमजोरी के लिए वास्तु नियम – mirgi, histeeriya

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