उतर-पश्चिम, दखिन- पश्चिम, पश्चिम या दक्षिण दिशा के शयनकक्ष में सोना चाहिए, रोगी का शयन कक्ष भवन के उत्तर-पूर्व दिशा में कतई नही होना चाहिए, इससे अशांति बनती है, पाँचमुखी रुद्राक्ष या एकमुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए… शिव उपासना करना शुभ/लाभ दायक रहेगा,
मिर्गी, हिस्टीरिया या दिमागी कमजोरी के लिए वास्तु नियम – mirgi, histeeriya ya dimaagee kamajoree ke liye vastu niyam – वास्तु और स्वास्थ्य – vastu aur swasthya