संपूर्ण ज्योतिष ज्ञान

three differences of mathematics astrology

गणित ज्योतिष के तीन भेद – वैदिक ज्योतिष शास्त्र | Three differences of mathematics astrology – vaidik jyotish Shastra

  गणित ज्योतिष के तीन भेद 1. तंत्र गणित 2. करण गणित 3. सिद्धान्त गणित जिस गणित के द्वारा कल्प से लेकर आधुनैक काल तक के किसी भी इष्ट दिन के खगोलीय स्थितिवश गत वर्ष मास दिन आदि सौर सावन चान्द्रभान को ज्ञात कर सौर सावन अहर्गण बनाकर मध्यमादि ग्रह स्पष्टान्त कर्म किये जाते है,उसे […]

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duddhara yoga

दुर्धरा योग – वैदिक ज्योतिष शास्त्र | Duddhara Yoga – vaidik jyotish Shastra

  वैदिक ज्योतिष में दुर्धरा योग की प्रचलित परिभाषा के अनुसार यदि किसी कुंडली में चन्द्रमा से पिछले घर में तथा चन्द्रमा से अगले घर में कोई ग्रह स्थित हो तो कुंडली में दुर्धरा योग बनता है जो जातक को शारीरिक सुंदरता, स्वास्थ्य, संपत्ति तथा समृद्धि प्रदान कर सकता है। कुछ ज्योतिषी यह मानते हैं

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pulse

नाडी – वैदिक ज्योतिष शास्त्र | Pulse – vaidik jyotish Shastra

  भारत में ज्योतिष के इन शाखाओं के अलावा, नाडी ज्योतिष या नाडी शास्त्र जैसी चीज भी है जो १२, २४, ४८ सेकंड्स के अंतराल पर पैदा हुए लोगों की जीवन की तस्वीरें व भाग्य का नमूना दर्शाता है | ये हमारे प्राचीन ऋषिओं द्वारा ताड़ के पत्त्तों पर लिखा गया है | बहुत कम

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chanting sage in the absence of watches

घडियों के अभाव मे मंत्रद्रष्टा ऋषि – वैदिक ज्योतिष शास्त्र | Chanting sage in the absence of watches – vaidik jyotish Shastra

  वेदास्तावद यज्ञकर्मप्रवृता: यज्ञा प्रोक्तास्ते तु कालाश्रयेण, शास्त्रादस्मात काबोधो यत: स्याद वेदांगत्वं ज्योतिषस्योक्तमस्सात। शब्दशास्त्रं मुखं ज्योतिषं चक्षुषी श्रोत्रमुक्तं निरुक्तं कल्प: करौ, या तु शिक्षा‍ऽस्य वेदस्य नासिका पादपद्मद्वयं छन्दं आद्यैर्बुधै:॥ वेदचक्षु: किलेदं स्मृतं ज्यौतिषं मुख्यता चान्गमध्येऽस्य तेनोच्यते, संयुतोऽपीतरै: कर्णनासादिभिश्चक्षुषाऽगेंन हीनो न किंचित कर:। तस्मात द्विजैर्ध्ययनीयमेतत पुंण्यं रहस्यं परमंच तत्वम, यो ज्योतिषां वेत्ति नर: स सम्यक धर्मार्थकामान

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