सम्पूर्ण वास्तुशास्त्र

vaidik vastu shastra

वैदिक वास्तु शास्त्र – वैदिक वास्तु शास्त्र – vaidik vastu shastra – vedic vastu shastra

वैदिक वास्तु शास्त्र में मुख्य रूप से आठ दिशाओं , पंच तत्वो,के बारे मे वर्णन किया गया है,इन्ही का सन्तुलन करके हम अपने स्थान का पूर्ण सुख प्राप्त कर सकते है | आठ दिशाएं निम्न है- 1. पूर्व (East) 2. पश्चिम(West) 3. उत्तर(North) 4. दक्षिण(South) 5. ईशान(North East) 6. अग्नि(South East) 7. वायव्य(North West) 8. […]

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vaidik kaal vaastu shaastr

वैदिक काल वास्तु शास्त्र – वैदिक वास्तु शास्त्र – vaidik kaal vaastu shaastr – vedic vastu shastra

प्राचीन काल में ब्रह्मा नेविश्व की सृष्टि से पूर्व वासतु की सृष्टि की तथा लोकपालों की कल्पना की! ब्रह्मा ने जो मानसी सृष्टि की उसे मूर्त रूप देने हेतु विश्वकर्मा ने अपने चारों मानस पुत्र जय, विजय, सिद्धार्थ व अपराजित को आदेशित करते हुए कहा कि ‘मैंने देवताओं के भवन इत्यादि (यथा इन्द्र की अमरावती)

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vastu sar nakaratmak aur sakaratmak oorja

वास्तुनासर नकारात्मक और सकारात्मक ऊर्जा – वास्तु और सकारात्मक ऊर्जा – vastu sar nakaratmak aur sakaratmak oorja – vastu aur sakaratmak oorja

यहाँ हम आपको कुछ ऐसी बाते बताने जा रहे है जो है तो बहुत कॉमन लेकिन इनकी और हमारा ध्यान नहीं जापाता है और जाने अनजाने में वास्तु दोष उत्पन्न हो जाते है और इस कारण हम अवांछित नुकसान उठाते है | वास्तु दोष : गरीबी के कारक यदि आपको लाख कोशिशों के बाद भी

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