कुलिक कालसर्प योग – कालसर्प दोष | Kulik Kalsarp Yoga – kaal sarp dosh
कुलिक कालसर्प योग ● योग: यदि जातक के जन्मांग के द्वितीय भाव में राहु और अष्टम भाव में केतु हो तथा इसके बीच सारे ग्रह आ जाये तो यह कुलिक काल सर्प योग होता है. ● प्रभाव: इस वजह से जातक गुप्त रोग से जूझता रहता है. इनके शत्रु भी अधिक होते हैं परिवार […]
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