mool nakshatra charan 2

naam akshar athva janm nakshatr

नामाक्षर अथवा जन्म नक्षत्र – चौदहवां दिन – Day 14 – 21 Din me kundli padhna sikhe – naam akshar athva janm nakshatr – Chaudahavaan Din

जन्म के समय चन्द्रमा जिस नक्षत्र में स्थित है उसके आधार पर कुंडली मिलान किया जाता है। जिसे आम भाषा में गुण मिलान भी कहा जाता है। इस विधि में वर एवं कन्या के नामाक्षर अथवा जन्म नक्षत्र की एक सारणी से मिलान करके परिणाम निकाला जाता है। इस गुण मिलान में त्रुटी हो जाए […]

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parichay jyeshtha nakshatr mein janme vyakti ka bhavishyaphal

परिचय ज्येष्ठा नक्षत्र में जन्मे व्यक्ति का भविष्यफल – ज्येष्ठा नक्षत्र में जन्मे व्यक्ति का भविष्यफल – About Jyeshtha born constellation person Forecast – parichay jyeshtha nakshatr mein janme vyakti ka bhavishyaphal

0 डिग्री से लेकर 360 डिग्री तक सारे नक्षत्रों का नामकरण इस प्रकार किया गया है- अश्विनी, भरणी, कृत्तिका, रोहिणी, मृगशिरा, आर्द्रा, पुनर्वसु, पुष्य, अश्लेषा, मघा, पूर्वा फाल्गुनी, उत्तरा फाल्गुनी, हस्त, चित्रा, स्वाति, विशाखा, अनुराधा, ज्येष्ठा, मूल, पूर्वाषाढ़ा, उत्तराषाढ़ा, श्रवण, धनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वा भाद्रपद, उत्तरा भाद्रपद और रेवती। 28वां नक्षत्र अभिजीत है। ज्येष्ठा नक्षत्र में

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mool nakshatra

मूल नक्षत्र – नक्षत्र के वृक्ष द्वारा अपनी समस्याओं को दूर करें – Original Star – mool nakshatra

मूल नक्षत्र के देवता केतु को माना जाता है,जबकि वैज्ञानिक ष्टिकोण से साल के पेड़ को मूल नक्षत्र का प्रतीक माना जाता है और मूल नक्षत्र में जन्म लेने वाले लोग साल वृक्ष की पूजा करते है। इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले लोग अपने घर के खाली हिस्से में साल के पेड को लगाते

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mool nakshatra mantra

मूल नक्षत्र मंत्र – मूल नक्षत्र और उनके प्रभाव – Original Star spells – mool nakshatra mantra

ऊँ मातवे पुत्र पृथ्वी पुरीत्यमग्नि पूवेतो नावं मासवातां विश्वे र्देवेर ऋतुभि: सं विद्वान प्रजापति विश्वकर्मा विमन्चतु॥ मूल नक्षत्र का बडा मंत्र यह है,इसके बाद छोटा मंत्र इस प्रकार से है:- ऊँ एष ते निऋते। भागस्तं जुषुस्व। mool nakshatra mantra – मूल नक्षत्र मंत्र – मूल नक्षत्र मंत्र – Original Star spells  

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