pitra dosh ke prakar

रावण संहिता के अनुसार पितृ दोष के उपाय

रावण संहिता के अनुसार पितृ दोष के उपाय

रावण संहिता के अनुसार पितृ दोष के उपाय : जिन लोगों को पितृ दोष है, उन्हें कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। यहां हम कुछ लक्षण दे रहे हैं जो कुंडली में पितृ दोष का संकेत देते हैं। Lal Kitab in Hindi यदि कुंडली के पहले, दूसरे, चौथे, पांचवें, सातवें, नौवें और दसवें घरों […]

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kaise jaanen ki kundalee mein pitr ya pret dosh?

कैसे जानें कि कुंडली में पितृ या प्रेत दोष? – किया कराया जादू टोना – kaise jaanen ki kundalee mein pitr ya pret dosh? – kiya karaya jadu tona

कुंडली में पितृदोष का सृजन दो ग्रहों सूर्य व मंगल के पीड़ित होने से होता है क्योंकि सूर्य का संबंध पिता से व मंगल का संबंध रक्त से होता है। सूर्य के लिए पाप ग्रह शनि राहु व केतु माने गए हैं। अतः जब सूर्य का इन ग्रहों के साथ दृष्टि या युति संबंध हो

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kundalee se pitr dosh ka mool rahasy

कुंडली से पितृ दोष का मूल रहस्य – किया कराया जादू टोना – kundalee se pitr dosh ka mool rahasy – kiya karaya jadu tona

ज्योतिष में पूर्व जन्म के कर्मों के फलस्वरूप वर्तमान समय में कुंडली में वर्णित ग्रह दिशा प्रदान करते हैं। तभी तो हमारे धर्मशास्त्र सकारात्मक कर्मों को महत्व देते हैं। यदि हमारे कर्म अच्छे होते हैं तो अगले जन्म में ग्रह सकारात्मक परिणाम देते हैं। इसी क्रम में पितृदोष का भी निर्माण होता है। यदि हम

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pitra dosh prabhav evam upay

पित्र दोष प्रभाव एवं उपायपित्र दोष परभाव एवं उपाय – सोलहवां दिन – Day 16 – 21 Din me kundli padhna sikhe – pitra dosh prabhav evam upay – Solahavaan Din

कुण्डली में सूर्य एवं गुरु ग्रह पिता एवं गुरुजन को प्रतिनिधितव करते है । ऐसे में इन ग्रह के पीड़ित होने पर कुण्डली में पितृ दोष उत्पन्न होता है। किसी भी व्यक्ति की कुण्डली में राहु, सूर्य और गुरु ग्रहों की युति, दृष्टी एवं राशि परिवर्तन पितृ दोष उत्पन्न करते है । पितृ दोष के

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prashn kundalee ke aadhaar par dev pitraadee dosh aur nivaaran

प्रश्न कुंडली के आधार पर देव पित्रादि दोष और निवारणप्रश्न कुंडली के आधार पर देव पित्रादी दोष और निवारण – सोलहवां दिन – Day 16 – 21 Din me kundli padhna sikhe – prashn kundalee ke aadhaar par dev pitraadee dosh aur nivaaran – Solahavaan Din

1. प्रश्न के समय मेष लग्न आए तो पितृ दोस समझाना चाहिए इस दोष का बुरा परिणाम गर्मी, तृष्णा, चिंता, बुखार, वमन, और शर में पीड़ा होती है। इसकी शांति हेतु ब्राह्मिण भोजन, तर्पण, पिंडदान व पांच दिनो तक एक एक घड़ा जल पीपल कि जड़ो में डाले और पीपल कि पूजा करे इससे पितृ-दोष

प्रश्न कुंडली के आधार पर देव पित्रादि दोष और निवारणप्रश्न कुंडली के आधार पर देव पित्रादी दोष और निवारण – सोलहवां दिन – Day 16 – 21 Din me kundli padhna sikhe – prashn kundalee ke aadhaar par dev pitraadee dosh aur nivaaran – Solahavaan Din Read More »

uttar ke dosh धन हानि व तनाव के कारण

उत्तर के दोष धन हानि व् तनाव के कारण – वैदिक वास्तु शास्त्र – uttar ke dosh धन हानि व तनाव के कारण – vedic vastu shastra

कुछ दिन पूर्व पंडित जी पष्चिम विहार के एक व्यापारी के यहां वास्तु परीक्षण करने गये थे! घर देखने पर उन्होंने बताया कि कुछ समय से निर्यात का काम ठीक नहीं चल रहा है! घर की बड़ी महिला अक्सर बीमार रहती है! परिवार में मतभेद रहते हैं तथा घर में छोटे बेटे को उचित सम्मान

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