vastu shastra in marathi for toilet

vaastu anusaar kahaan ho baatharoom… (uttar-poorv mein rakhen paanee ka bahaav)

वास्तु अनुसार कहाँ हो बाथरूम… (उत्तर-पूर्व में रखें पानी का बहाव) – वैदिक वास्तु शास्त्र – vaastu anusaar kahaan ho baatharoom… (uttar-poorv mein rakhen paanee ka bahaav) – vedic vastu shastra

घर को बाद में बनवाया जाता है पहले पानी की व्यवस्था देखी जाती है! आजकल कम से कम लोग ही प्राकृतिक पानी का उपयोग करते है पानी अधिकतर या तो सरकारी स्तोत्रों से सुलभ होता है या फ़िर अपने द्वारा ही बोरिंग आदि करवाने से प्राप्त होता है! बाथरूम यह मकान के नैऋत्य; पश्चिम-दक्षिण कोण […]

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vaastu anusaar kahaan ho baatharoom

वास्तु अनुसार कहाँ हो बाथरूम – वैदिक वास्तु शास्त्र – vaastu anusaar kahaan ho baatharoom – vedic vastu shastra

बाथरूम यह मकान के नैऋत्य; पश्चिम-दक्षिण कोण में एवं दिशा के मध्य अथवा नैऋत्य कोण व पश्चिम दिशा के मध्य में होना उत्तम है! वास्तु के अनुसार, पानी का बहाव उत्तर-पूर्व में रखें! जिन घरों में बाथरूम में गीजर आदि की व्यवस्था है, उनके लिए यह और जरूरी है कि वे अपना बाथरूम आग्नेय कोण

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bathroom - vastu dosh nivaran

बाथरूम – वास्तु दोष निवारण – वास्तु दोष निवारण – bathroom – vastu dosh nivaran – vastu dosh nivaran

वास्तु दोष निवारण बाथरूमनहाने के लिए बाथरूम बनाने का सबसे अच्छा स्थान उत्तर या पूर्व दिशा मानी जाती है। जरूरत पड़ने पर बाकी दिशाओं में भी बनाए जा सकता हैं लेकिन तब वहां पानी का नल एवं शावर को उत्तर या पूर्व दिशा में लगाएं। ये घर में नकरात्मक ऊर्जा को आने से रोकने में

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