bhag pradaah

भग प्रदाह, भग की खुजली – घरेलू उपचार – bhag pradaah, bhag kee khujalee – gharelu upchar

परिचय:

कभी-कभी जलन के साथ तो कभी बिना जलन के भग प्रदेश (योनि के आसपास) में खुजली होती है जो कि प्राय: फंगस के कारण होती है। यह कभी-कभी इतनी अधिक होती है कि स्त्री निर्लज्जता के कारण खुजलाने को बाध्य हो जाती है।

विभिन्न औषधियों से उपचार:

सुहागा

लगभग 100 मिलीलीटर जल में 4 ग्राम सुहागा घोलकर योनि को धोने से कण्डू (खुजली) में लाभ मिलता है। यह घोल गुदा की खुजली में भी लाभकारी होता है।

कपूर

खुजली योनि की हो या अण्डकोष की कपूर आधा ग्राम की मात्रा में सुबह-शाम सेवन करने को दें। साथ ही यशद भस्म और कपूर तेल में घोलकर खुजली वाले स्थान पर लगाना चाहिए।

आंवला

आंवले के रस में चीनी मिलाकर प्रतिदिन दो-तीन बार पिलाएं अथवा सूखे आंवले का चूर्ण एक चम्मच की मात्रा में सुबह-शाम मिश्री के शर्बत के साथ सेवन करने से योनि की जलन और खुजली में लाभ मिलता है।

छरीला

छरीला के साथ गर्म किया हुआ तिल का तेल लगाने से भग (योनि) की खुजली ठीक हो जाती है।

नागरमोथा

नागरमोथा के फल को पीसकर कपड़े से निचोड़कर प्राप्त रस को लगाने से योनि की खुजली और जलन में बहुत लाभ मिलता है।

हरड़

बड़ी हरड़ की मींगी (बीज, गुठली) और माजू दोनों समान मात्रा में लेकर बारीक पीसकर शीशी में रखें। इस चूर्ण को पानी में घोलकर योनि को धोने से योनि की जलन और खुजली नष्ट हो जाती होती है।

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