भारतवर्ष में निमोनिया , किसी अन्य बीमारी के मुकाबले, मृत्यु का सबसे बड़ा कारण है।
निमोनिया मूलतः फेफड़ो में संक्रमण होने से होता है।
पहले से बीमार लोगों की प्रतिरक्षा प्रणाली (Immune System) पहले से ही कमजोर होती है इसलिए स्वस्थ लोगों के मुकाबले उन्हें निमोनिया होने की संभावना अधिक होती है।
निमोनिया के घरेलू उपचार
हल्दी, काली मिर्च, मेथी और अदरक जैसे प्रतिदिन उपयोग में आने वाले खाद्य प्रदार्थ फेफड़ों के लिए फायदेमंद होते हैं।
तिल के बीज भी निमोनिया के उपचार में सहायक होते हैं। 300 मिलीलीटर पानी में 15 ग्राम तिल के बीज, एक चुटकी साधारण नमक, एक चम्मच
अलसी और एक चम्मच शहद मिलकर प्रतिदिन उपयोग करने से फेफड़ों से कफ बाहर निकलता है।
ताजा अदरक का रस लेने या अदरक को चूसने से भी निमोनिया में आराम मिलता है।
थोड़े से गुनगुने पानी के साथ शहद लेना भी लाभदायक रहता है।
गर्म तारपीन तेल का और कपूर के मिश्रण से छाती पर मालिश करने से निमोनिया से राहत मिलती है।
रोगी का कमरा स्वच्छ, और गर्म होना चाहिए। कमरे में सूर्य की रौशनी अवश्य आनी चाहिये।
रोगी के शरीर को गर्म रखें, विशेषकर छाती और पैरों को।
तुलसी भी निमोनिया में बहुत उपयोगी है। तुलसी के कुछ ताजे पत्तों का रस, एक चुटकी काली मिर्च में मिलकर रख लें और हर छ घंटे के बाद दें।