garbhpat na ho aur putra utpann ho

गर्भपात न हो और पुत्र उत्पन्न हो – घरेलू उपचार – garbhpat na ho aur putra utpann ho – gharelu upchar

चिकित्सा:

1. गुलाब: लड़की को अपना मासिक-धर्म शुरू होने पर 3 दिन तक लगातार सुबह-शाम सफेद गुलाब के फूलों का गुलकंद बनाकर 125 ग्राम की मात्रा में खाने से और ऐसे ही लगातार 3 दिन में 750 ग्राम गुलकंद खाने से उसको होने वाली संतान लड़के के रूप में होती है।

2. लौकी: जिन महिलाओं को लड़कियां ही होती हैं वे गर्भ ठहरने के दूसरे और तीसरे महीने में लौकी के बीज सहित मिश्री के साथ मिलाकर लगातार खायें तो लड़का पैदा होगा। गर्भावस्था के शुरुआत और आखिरी के महीने में 125 ग्राम कच्ची लौकी 70 ग्राम मिश्री के साथ रोजाना खाने से गर्भ में ठहरे बच्चे का रंग निखर जाता है।

3.. बबूल: बबूल के पत्तों का 2-4 ग्राम चूर्ण प्रतिदिन सुबह खिलाने से सुन्दर बालक का जन्म होगा।

4. शिवलिंगी के बीज:

  • एक सुच्चा मोती, सोने का भस्म, शिवलिंगी के 5 बीज, भांग के 5 दाने स्त्री को गर्भाधान के बाद 60 से 64 इन पांच दिनों में किसी भी एक दिन बछड़े वाली गाय या काली बकरी के 250 मिलीलीटर कच्चे दूध से सुबह को निराहार (बिना कुछ खाए-पिए) देना चाहिए। इससे गर्भपात नहीं होता है और पुत्र उत्पन्न होता है।
  • शिवलिंगी के लगभग 27 बीज, बड़ की डाढ़ी लगभग 6 ग्राम गजकेसर 6 ग्राम को पीसकर 3 पुड़िया बना लें। माहवारी खत्म होने के बाद बछड़े वाली गाय या काली बकरी के कच्चे दूध में खीर बनाकर उसमें एक चम्मच घी और खाण्ड मिलाकर एक पुड़िया और शिवलिंगी के 5 साबूत बीज मिलाकर ऊपर से खीर का सेवन करते हैं। ऐसा तीन दिनों तक लगातार करना चाहिए। इससे गर्भ रहता है। लड़का हो तो जीवित भी रहता है।

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