goree aur saphed tvacha ke lie ghareloo nuskhe

गोरी और सफेद त्वचा के लिए घरेलू नुस्खे – घरेलू उपचार – goree aur saphed tvacha ke lie ghareloo nuskhe – gharelu upchar

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पेट (पेरिटोनियल गुहा) में पानी इकट्ठा होने लगने को जलोदर कहा जाता है। रोगी का पेट फूल जाता है।
      जलोदर के कारण–
         जलोदर मुख्यतः लिवर के पुराने रोग से उत्पन्न होता है।

   खून में एल्ब्युमिन के स्तर में गिरावट होने का भी जलोदर से संबंध रहता है।

जलोदर के लक्षण–

पेट का फूलना

सांस में तकलीफ

टांगों की सूजन

बेचैनी और भारीपन मेहसूस होना

घरेलु चिकित्सा–

    जलोदर रोग में लहसुन का प्रयोग हितकारी है। लहसुन का रस आधा चम्मच आधा गिलास जल में मिलाकर लेना कर्तव्य है। कुछ रोज लेते रहने से फर्क नजर आएगा।

   देसी चना करीब 30 ग्राम 300 मिली पानी में उबालें कि आधा रह जाए। ठंडा होने पर छानकर पियें। 25 दिन जारी रखें।

       करेला का जूस 30-40 मिली आधा गिलास जल में दिन में तीन बार पियें। इससे जलोदर रोग निवारण में अच्छी मदद मिलती है।

     जलोदर रोगी को पानी की मात्रा कम कर देना चाहिये। शरीर के लिये तरल की आपूर्ति दूध से करना उचित है। लेकिन याद रहे अधिक तरल से टांगों की सूजन बढेगी।

जलोदर की चिकित्सा में मूली के पत्ते का रस अति गुणकारी माना गया है। 100 मिली रस दिन में तीन बार पी सकते हैं।

      मैथी के बीज इस रोग में उपयोग करना लाभकारी रहता है। रात को 20 ग्राम बीज पानी में गला दें। सुबह छानकर पियें।

    अपने भोजन में प्याज का उपयोग करें इससे पेट में जमा तरल मूत्र के माध्यम से निकलेगा और आराम लगेगा।

   जलोदर रोगी रोजाना तरबूज खाएं। इससे शरीर में तरल का बेलेंस ठीक रखने में सहायता मिलती है।

   छाछ और गाजर का रस उपकारी है। ये शक्ति देते हैं और जलोदर में तरल का स्तर अधिक नहीं बढाते हैं।

   अपने भोजन में चने का सूप, पुराने चावल, ऊंटडी का दूध, सलाद, लहसुन, हींग को समुचित स्थान देना चाहिये।

   रोग की गंभीरता पर नजर रखते हुए अपने चिकित्सक के परामर्शानुसार कार्य करें।

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