☞ लाल, नीले, पीले और जामुनी रंग की फल-सब्जियां जैसे टमाटर, जामुन, काले अंगूर, अमरूद, पपीता, तरबूज आदि खाने से कैंसर का खतरा कम हो जाता है। इनको ज्यादा से ज्यादा अपने भोजन में शामिल करें । ☞ हल्दी का अपने खाने में प्रतिदिन सेवन करें । हल्दी ठीक सेल्स को छेड़े बिना ट्यूमर के बीमार सेल्स की बढ़ोतरी को धीमा करती है।
☞ हरी चाय स्किन, आंत ब्रेस्ट, पेट , लिवर और फेफड़ों के कैंसर को रोकने में मदद करती है। लेकिन यदि चाय की पत्ती अगर प्रोसेस की गई हो तो उसके ज्यादातर गुण गायब हो जाते हैं।
☞ सोयाबीन या उसके बने उत्पादों का प्रयोग करें । सोया प्रॉडक्ट्स खाने से ब्रेस्ट और प्रोस्टेट कैंसर की आशंका कम होती है।
☞ बादाम, किशमिश आदि ड्राई फ्रूट्स खाने से कैंसर का फैलाव रुकता है।
☞ पत्तागोभी, फूलगोभी, ब्रोकली आदि में कैंसर को ख़त्म करने का गुण होता है।
☞ कैंसर के इलाज / बचाव में लहसुन बहुत ही प्रभावी है । इसलिए रोज लहसुन अवश्य खाएं। इससे शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत होती है।
☞ रोज नींबू, संतरा या मौसमी में से कम-से-कम एक फल अवश्य ही खाएं। इससे मुंह, गले और पेट के कैंसर की आशंका बहुत ही कम हो जाती है।
☞ ऑर्गेनिक फूड का ज्यादा से ज्यादा उपयोग करें ,ऑर्गेनिक यानी वे दालें, सब्जियां, फल जिनके उत्पादन में पेस्टीसाइड और केमिकल खादें इस्तेमाल नहीं हुई हों।
☞ पानी पर्याप्त मात्रा में पीएं, रोज सुबह उठकर रात को ताम्बे के बर्तन रखा 3-4 गिलास पानी अवश्य ही पियें ।
☞ रोज 15 मिनट तक सूर्य की हल्की रोशनी में बैठें।
☞ नियमित रूप से व्यायाम करें।
☞ कैंसर का पता लगने पर दूध या दूध के बने पदार्थों का उपयोग बंद कर दें । इनसे व्यक्ति को नहीं वरन कैंसर के बैक्टीरिया को ताकत मिलती है ।
☞ नियमित रूप से गेंहू के पौधे के रस का सेवन करें ।
☞ तुलसी और हल्दी से मुंह में होने वाले इस जटिल रोग का इलाज संभव है।वैसे तो तुलसी और हल्दी में कुदरती आयुर्वेदिक गुण होते ही हैं मगर इसमें कैंसर रोकने वाले महत्वपूर्ण एंटी इंफ्लेमेटरी तत्व भी होते हैं। तुलसी इस रोग में प्रतिरोधक क्षमता बढ़ा देती है। घाव भरने में भी तुलसी मददगार होती है।
☞ एक से अधिक साथी से यौन सम्बन्ध न रखने से भी मासाने व गर्भास्य के कैंसर से बचा जा सकता है।
☞ अनार का ज्यादा से ज्यादा उपयोग करें अनार कैंसर के इलाज खासकर स्तन कैंसर में बहुत ही प्रभावी माना गया है ।