netr jyoti vardhak ghareloo nuskhe

नेत्र ज्योति वर्धक घरेलू नुस्खे – घरेलू उपचार – netr jyoti vardhak ghareloo nuskhe – gharelu upchar

आँखों की ज्योति बढ़ाने के साथ ही शरीर को पुष्ट और सुडौल बनाने वाला एक अनुभूत उत्तम प्रयोग प्रस्तुत हैः आधा चम्मच ताजा मक्खन, आधा चम्मच पिसी हुई मिश्री और 5 काली मिर्च मिलाकर चाट लो। इसके बाद कच्चे नारियल की गिरी के 2-3 टुकड़े खूब चबा-चबाकर खायें ऊपर से थोड़ी सौंफ चबाकर खा लो। बाद में दो घंटे तक कुछ न खायें। यह प्रयोग प्रातः खाली पेट 2-3 माह तक करो।

प्रातःकाल सूर्योदय से पहले उठकर नित्यकर्मों से निवृत्त होकर भ्रमण के लिए नियमित रूप से जाना आँखों के लिए बहुत हितकारी होता है। जब सूर्योदय हो रहा हो तब कहीं हरी घास हो तो उस पर 15-20 मिनट तक नंगे पैर टहलना चाहिए। घास पर रातभर गिरने वाली ओस की नमी रहती है। नंगे पैर इस पर टहलने से आँखों को तरावट मिलती है और शरीर की अतिरिक्त रूप से बढ़ी हुई उष्णता में कमी आती है। यह उपाय आँखों की ज्योति की रक्षा करने के अतिरिक्त शरीर को भी लाभ पहुँचाता है।

1 गिलास ताजे और साफ पानी में नींबू का 5-6 बूँद रस टपका दो और इस पानी को साफ कपड़े से छान लो। दवाई (केमिस्ट) की दुकान से आँख धोने का पात्र (आई वाशिंग ग्लास) ले आओ। इससे दिन में 1 बार आँखों को धोना चाहिए। धोने के बाद ठंडे पानी की पट्टी आँखों पर रखकर 5-10 मिनट लेटना चाहिए। पानी अत्यधिक शीतल भी न हो। इस प्रयोग से नेत्रज्योति बढ़ती है।

अगर आप आँखों को स्वस्थ रखने की इन छोटी-छोटी बातों पर ध्यान दो और नियमित रूप से सावधानी पूर्वक इन प्रयोगों को करते रहो तो आप लम्बे समय तक अपनी आँखों को विभिन्न रोगों से बचाकर उन्हें स्वस्थ, सुन्दर और आकर्षक बनाये रख सकते हैं।
प्रतिदिन प्रातःकाल जलनेति करो।

नीम पर की हरी गुडुच (गिलोय) लाकर उसे पत्थर से बारीक पीसकर, कपड़े से छानकर एक तोला रस निकालें। अगर हरी गुडुच (गिलोय) न मिले तो सूखी गिलोय का चूर्ण 12 घंटे तक भिगोकर रखें। उसके बाद कपड़े से छानकर उसका एक तोला रस निकालें। इस रस में 6 मुंजाभार शुद्ध शहद एवं उतनी ही मात्रा में अच्छे स्तर का सेंधा नमक डालकर खूब घोंटें। अच्छी तरह से एकरस हो जाने पर इसे आँखों में डालें।

डालने की विधिः रात्रि को सोते समय बिना तकिये के सीधे लेट जायें। फिर आँखों की ऊपरी पलक को पूरी तरह उलट करके ऊपरी सफेद गोलक पर रस की एक बूँद डालें एवं दूसरी बूँद नाक की ओर के आँख के कोने में डालें और आँखें बन्द कर लें। पाँच मिनट तक आँखों को बंद रखते हुए आँखों के गोलक को धीरे-धीरे गोल-गोल घुमायें ताकि रस आँखों के चारों तरफ भीतरी भाग में प्रवेश कर जाय। सुबह गुनगुने पानी से आँखें धोयें। ऐसा करने से दोनों आँखों से बहुत-सा मैल बाहर आयेगा, उससे न घबरायें। यही वह मैल है जिसके भरने से दृष्टि कमजोर हो जाती है। प्रतिदिन डालने से धीरे-धीरे वह एकत्रित हुआ कफ बाहर निकलता जायेगा और आँखों का तेज बढ़ता जायेगा। निरंतर चार महीने तक डालनेपर आश्चर्यजनक लाभ होगा।

आँख के मरीजों को सदैव सुबह-शाम 4 तोला पथ्यादि क्वाथ जरूर पीना चाहिए।

पथ्यादि क्वाथः हरड़, बहेड़ा, आँवला, चिरायता, हल्दी और नीम की गिलोय को समान मात्रा में लेकर रात्रि को कलईवाले बर्तन में भिगोकर सुबह उसका काढ़ा बनायें। उस काढ़े में एक तोला पुराना गुड़ डालकर थोड़ा गरम-गरम पियें।

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