शीतली और शीतकारी प्राणायाम करें। आप इसे कभी भी, कहीं भी कर सकते हैं। बस ध्यान रखें कि जहाँ भी कर रहे हैं वहाँ की वायु शुद्ध हो। इससे शरीर में भरपूर ऑक्सीजन का संचार होगा। फेफड़े और पेट में किसी भी प्रकार की गर्मी नहीं रहेगी।
शीतली और शीतकारी प्राणायाम करें। आप इसे कभी भी, कहीं भी कर सकते हैं। बस ध्यान रखें कि जहाँ भी कर रहे हैं वहाँ की वायु शुद्ध हो। इससे शरीर में भरपूर ऑक्सीजन का संचार होगा। फेफड़े और पेट में किसी भी प्रकार की गर्मी नहीं रहेगी।