garbhashay griva south ke lakshan aur kaaran

गर्भाशय ग्रीवा शोथ के लक्षण और कारण – गुप्त रोग ज्ञान – garbhashay griva south ke lakshan aur kaaran – gupt rog gyan

गर्भाशय ग्रीवा शोथ महिलाओं में होने वाला यौन संक्रमण है। इसके लक्षण यूं तो सामान्‍य तौर पर नजर नहीं आते, लेकिन फिर भी कुछ ऐसे संकेत होते हैं, जो इस रोग के होने की आशंका पैदा करते हैं। जानिये क्‍या है गर्भाशय ग्रीवा शोथ और क्‍या हैं इसके संभावित कारण।
गर्भाशय ग्रीवा शोथ (सर्वेसाइटिस), गर्भाशय ग्रीवा में होने वाली सूजन को कहते हैं। गर्भाशय ग्रीवा, गर्भाश्‍य के अंत में निचले हिस्‍से में स्थित संकरी सी ग्रीवा होती है, जो योनि में जाकर खुलती है।

गर्भाशय ग्रीवा शोथ होने पर भी कई बार इसके लक्षण सामने नहीं आते। लेकिन, फिर भी कुछ संकेतों को इस रोग से जोड़कर देखा जा सकता है। गर्भाशय ग्रीवा शोथ के दौरान महिलाओं को कई बार मासिक धर्म के दौरान असामान्‍य रक्‍त स्राव होता है तथा योनि से होने वाले स्राव में बदलाव महसूस किया जाता है।

आमतौर पर गर्भाशय ग्रीवा शोथ, क्‍लाइमायडिया अथवा गोनोरहा जैसे यौन संचारित संक्रमणों के कारण हो सकता है। इसके साथ ही यह रोग गैर संक्रामक कारणों से भी हो सकता है। इस रोग का इलाज सूजन के अंतर्निहित कारणों का पता लगा उन्‍हें दूर करना होता है।
गर्भाशय ग्रीवा में दो प्रकार की कोशिकायें होती हैं। फ्लैट स्किन कोशिकायें और ग्‍लैंडुलर कोशिकायें। योनिशोथ के लिए जो तत्‍व उत्तरदायी होते हैं, वही गर्भाशयशोथ के लिए भी उत्तरदायी होते हैं। गर्भाशय ग्रीवा बैक्‍टीरिया और वायरस को गर्भाशय में प्रवेश करने से रोकती है। जब गर्भाशय ग्रीवा संक्रमित हो जाती है, तो इससे संक्रमण के योनि तक पहुंचने का खतरा बढ़ जाता है।

आमतौर पर गर्भाशय ग्रीवा शोथ बैक्‍टीरियल और वायरल संक्रमण द्वारा होता है। यह संक्रमण यौन संबंधों द्वारा फैलते हैं। गर्भाशय ग्रीवा शोथ गोनोरेहा और क्‍लाइमायडिया जैसे यौन संक्रमणों द्वारा हो सकता है। इस बात के कोई साक्ष्‍य नहीं मिले हैं कि ह्यूमन पेपिलोमावायरस (एचपीवी), जो एक और यौन संचारित संक्रमण है, गर्भाशय ग्रीवाशोथ का कारण हो सकता है।
कई बार एलर्जिक रिएक्‍शन से भी यह समस्‍या हो सकती है। यह संक्रमण गर्भनिरोधक गोलियों, शुक्राणुनाशकों और कण्‍डोम में मौजूद लेटेक्‍स के कारण हो सकता है। बैक्‍टीरिया का अधिक बढ़ना भी इसका एक सम्‍भावित कारण है। योनि में आमतौर पर मौजूद रहने वाले बैक्‍टीरिया भी यदि आवश्‍यकता से अधिक बढ़ जाएं, तो इसके कारण भी गर्भाशय ग्रीवा शोथ हो सकता है।
आमतौर पर गर्भाशय ग्रीवा शोथ के कोई लक्षण या संकेत सामने नहीं आते। इस बात का पता केवल पेप टेस्‍ट अथवा किसी अन्‍य कारण से करवायी गयी बॉयोप्‍सी के द्वारा ही पता चल पाता है। अगर आपको लक्षण और संकेत नजर आते ही हैं, तो वे इस प्रकार के हो सकते हैं।

  • योनि से सामान्‍य से अधिक स्राव होना। यह स्राव सलेटी और पीले रंग का होता है। यह स्राव पस की तरह होता है, जिसमें कभी-कभार दुर्गंध आती है।
  • बार-बार पेशाब जाना और पेशाब के साथ दर्द होना
  • संभोग के दौरान दर्द होना
  • मासिक धर्म के दौरान अथवा मेनोपॉज के दौरान संभोग के दौरान योनि से रक्‍त स्राव होना।  
  • योनि से नियमित असामान्‍य स्राव होने पर
  • यदि मासिक धर्म के बिना भी योनि से रक्‍त स्राव हो
  • संभोग के दौरान दर्द होने पर 

गर्भाशय ग्रीवा शोथ के आमतौर पर कोई लक्षण और संकेत नजर नहीं आते। और यह एक सामान्‍य पेप टेस्‍ट से ही सामने आ सकता है। तो, अच्‍छा रहेगा कि आप श्रोणिक (पेल्विक) की नियमित जांच और पेप टेस्‍ट करवाती रहें।

गर्भाशय ग्रीवा शोथ के लक्षण और कारण – garbhashay griva south ke lakshan aur kaaran – गुप्त रोग ज्ञान – gupt rog gyan

Tags: , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , , ,

Leave a Comment

Scroll to Top