stanon mein paida hui maastaalajiya kya hai

स्तन में पीड़ा और मास्टालजिया क्या है – गुप्त रोग ज्ञान – stanon mein paida hui maastaalajiya kya hai – gupt rog gyan

स्‍तनों में दर्द को मास्‍टालजिया, ममालजिया और मास्‍टोडा‍यनिया भी कहा जाता है। यह सामान्‍य परेशानी है जिसमें हल्का दर्द, भारीपन, जकड़न, स्तन के ऊतकों में जलन, या स्तन कोमलता आदि जैसे लक्षण नजर आते हैं। अगर इस दर्द का संबंध मासिक धर्म चक्र से हो, तो इसे साइक्लिकल मास्‍टालजिया कहा जाता है।

ब्रेस्‍ट कैंसर फाउंडेशन के मुताबिक, स्‍तनों अथवा बगल में किसी भी प्रकार का दर्द, कोमलता अथवा असहजता आदि के पीछे कई कारण हो सकते हैं। फाउंडेशन का कहना है कि अधिकतर मामलों में यह दर्द स्‍तन कैंसर का लक्षण नहीं होता। यूके की नेशनल हेल्‍थ सर्विस का कहना है कि ‘साइक्लिकल ब्रेड पेन’ स्‍तन कैंसर के विकसित होने की आशंका को नहीं बढ़ाता।
अधिकतर मामलों में स्‍तनों के ऊपर और बाहरी क्षेत्र में दर्द होता है- कई बार यह दर्द बाजुओं तक फैल जाता है। इसके साथ ही मासिक धर्म आरंभ होने के एक से तीन दिन पहले यह दर्द अधिक होता है और मासिक धर्म समाप्‍त होते-होते यह दर्द ठीक हो जाता है। कुछ महिलाओं में यह दर्द मासिक धर्म आरंभ होने के कई दिन पहले आरंभ हो जाता है।

हालांकि ऐसी महिलायें जिन्‍हें मेनोपॉज हो चुका हो, उन्‍हें भी स्‍तनों में पीड़ा की शिकायत हो सकती है। यह शिकायत उनमें भी उतनी ही सामान्‍य है, जितनी मेनोपॉज के करीब पहुंच चुकीं महिलाओं अथवा ऐसी महिलाओं जिन्‍हें मेनोपॉज नहीं हुआ को होती है।

अमेरिका स्थित पैसेफिक मेडिकल सेंटर के एक अनुमान के अनुसार अमेरिका में 50 से 70 फीसदी महिलाओं को स्‍तन में दर्द होने की शिकायत का सामना करना पड़ता है। यूके के स्‍वास्‍थ्‍य विभाग का कहना है कि तीस से पचास वर्ष की आयु के बीच करीब 66 फीसदी महिलाओं को कभी न कभी स्‍तनों में दर्द की शिकायत होती है।
स्‍वयं महिला ही लक्षण को महसूस कर सकती है। वह इस बारे में डॉक्‍टर, नर्स, मित्र अथवा परिवार के किसी व्‍यक्ति से बात कर सकती है। यानी दर्द का लक्षण तो दर्द ही है, वहीं बात अगर संकेत की जाए तो, स्‍तनों के आसपास की त्‍वचा पर रैशेज हो जाते हैं।

स्‍तनों में दर्द को आमतौर पर दो हिस्‍सों में बांटा जाता है- साइक्लिक और नॉन साइक्लिक

  • यह दर्द चक्र में आता है, वैसे ही जैसे मासिक धर्म चक्र आता है।
  • स्‍तनों में जकड़न हो सकती है
  • मरीज को तेज दर्द और हल्‍की खुजली हो सकती है। कई महिलायें इसे स्‍तनों में भारीपन के साथ सूजन के तौर पर व्‍याख्यित करती हैं, वहीं कुछ के लिए यह चुभन और जलन का अहसास हो सकता है।
  • स्‍तनों में सूजन आ सकती है
  • स्‍तनों में गांठें भी पड़ सकती हैं
  • दोनों स्‍तनों में दर्द की शिकायत होती है, विशेषकर ऊपरी और बाहरी हिस्‍सा।
  • दर्द आपकी बगलों तक फैल सकता है।
  • मासिक धर्म नजदीक आने के साथ ही दर्द में तेज इजाफा होता है। कुछ मामलों में यह दर्द मासिक धर्म शुरू होने के हफ्ते दो हफ्ते पहले शुरू हो सकता है।
  • यह दर्द सामान्‍यत युवा महिलाओं को अधिक परेशान करता है। अधिक उम्र (पोस्‍ट मेनोपॉज) महिलाओं ने यदि हार्मोन रिप्‍लेसमेंट थेरेपी करवा ली हो, तो उन्‍हें भी ऐसी समस्‍या हो सकती है।

यह सामान्‍य तौर पर एक ही स्‍तन में होता है। हालांकि, सामान्‍यत: यह स्‍तन के केवल एक चौथाई भाग में ही यह दर्द होता है, लेकिन यह पूरे सीने में फैल जाते हैं।
यह पोस्‍ट मेनोपॉज यानी अधिक उम्र की महिलाओं में अधिक होता है।
इस दर्द का मासिक धर्म चक्र से कोई संबंध नहीं होता।
दर्द सतत अथवा छिटपुट हो सकता है।
अगर स्‍तनों में दर्द किसी संक्रमण के कारण है, तो महिला को बुखार अथवा उनकी तबीयत खराब रह सकती है। महिलाओं को स्‍तनों में सूजन और कोमलता की शिकायत भी हो सकती है तथा दर्द वाले हिस्‍से का तापमान भी सामान्‍य से अधिक हो सकता है। और वहां लालिमा हो सकती है। इस दर्द में जलन के साथ झनझनाहट भी होती है। स्‍तनपान करवाने वाली महिलाओं में यह दर्द स्‍तनपान करवाते समय और बढ़ सकता है।
ऐसा आभास होता है कि स्‍तनों में दर्द अंदरूनी किसी कारण से है, लेकिन वास्‍तव में ऐसा नहीं होता। कई बार इसे ‘रेफेर्ड पेन’ भी कहा जाता है। कुछ महिलाओं में चेस्‍ट वॉल सिंड्रोम्‍स में हो सकता है।

हालांकि यह दर्द सामान्‍य होता है और इसे लेकर अधिक घबराने की जरूरत नहीं, लेकिन फिर भी यदि आपको किसी प्रकार की चिंता अथवा संशय हो तो आप डॉक्‍टर से मदद ले सकती हैं।

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