यदि रात को सोते समय किसी काल्पनिक स्त्री से मैथुन क्रिया करने के पश्चात् वीर्य स्खलित हो जाए तो यह स्वप्नदोष कहलाता है| महीने में एक-दो बार स्वप्नदोष का होना, रोग नहीं माना जाता| लेकिन अधिक बार होने से यह रोग हो जाता है| यदि समय पर इस रोग का इलाज न किया जाए तो यह मधुमेह जैसे भयानक रोग में बदल जाता है|
कारण
गरिष्ठ भोजन करने, गंदी पुस्तकें पढ़ने, अश्लील फिल्मों को देखने, निरंतर विषय-भोग की बातें करने, कामोत्तेजक विचारों में डूबे रहने, हस्तमैथुन में रुचि रखने तथा उत्तेजक पदार्थों का सेवन अधिक करने के कारण युवाओं को स्वप्नदोष होने लगता है|
पहचान
स्वप्नदोष होने के कारण शरीर में क्षीणता, चेहरे पर मायूसी, मस्तिष्क में कमजोरी, आंखें भीतर की ओर धंसी हुई, कायरता, सिर में दर्द एवं भारीपन, थकावट, कब्ज, शरीर टूटना, बैठे-बैठे ऊंघना, मैथुन शक्ति का ह्लास, उत्तेजना, बात-बात में क्रोध करना आदि लक्षण दिखाई देने लगते हैं|
नुस्खे
- 10 ग्राम शतावरी चूर्ण को देशी घी में मिलाकर सुबह-शाम खाएं|
- 5 ग्राम इलायची के दाने तथा 5 ग्राम ईसबगोल की भूसी-दोनों को मिलाकर सुबह-शाम दूध के साथ सेवन करें|
- नित्य सुबह चांदी का वर्क लगाकर एक आंवले का मुरब्बा खाएं|
- पके हुए बेल का गूदा 10 ग्राम, भांग 1 ग्राम, धनिया 10 ग्राम तथा सौंफ 5 ग्राम – सबको पीसकर चटनी बना लें| यह चटनी खाकर ऊपर से दूध पी लें|
- गोखरू, सूखे आंवले और गिलोय – सभी 5-5 ग्राम लेकर चूर्ण बना लें| इसमें से 3 ग्राम चूर्ण घी और चीनी के साथ प्रतिदिन सेवन करें|
- रोज दो केले खाकर ऊपर से आधा लीटर दूध पीने से स्वप्नदोष में काफी लाभ होता है|
- 4 ग्राम जामुन की गुठली का चूर्ण सुबह-शाम पानी के साथ खाएं|
- चोपचीनी का चूर्ण 5 ग्राम नित्य सवेरे के समय घी के साथ खाएं| 10 दिनों में ही काफी लाभ दिखाई देने लगेगा|