यूरीनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन यानी मूत्र मार्ग में संक्रमण महिलाओं को होने वाली बीमारी है, इसे यूटीआई नाम से भी जाना जाता है। एक अनुमान के मुताबिक करीब 40 प्रतिशत महिलाएं जीवन में कभी न कभी यूटीआई से ग्रसित होती हैं।
मूत्र मार्ग संक्रमण जीवाणु जन्य संक्रमण है जिसमें मूत्र मार्ग का कोई भी भाग प्रभावित हो सकता है। हालांकि मूत्र में तरह-तरह के द्रव होते हैं किंतु इसमें जीवाणु नहीं होते। यूटीआई से ग्रसित होने पर मूत्र में जीवाणु भी मौजूद होते हैं। जब मूत्राशय या गुर्दे में जीवाणु प्रवेश कर जाते हैं और बढ़ने लगते हैं तो यह स्थिति आती है। आइए हम आपको इससे बचने के उपाय के बारे में बताते हैं।
यूटीआई की समस्या सफाई न रखने के कारण अधिक होती है। इसलिए संक्रमण से बचने के लिए शरीर की साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए। अपना टॉयलेट हमेशा साफ और सुथरा रखें।
खानपान की स्वच्छता का ध्यान रखना भी जरुरी है। गंदी जगह पर बनाया गया खाना खाने से भी यह परेशानी हो सकती है। खाने का संक्रमण खून में मिल जाता है इसलिए उससे भी मूत्र मार्ग में संक्रमण हो सकता है। इसलिए बाहर का खाना खाने से बचें।
इस संक्रमण से ग्रस्त महिलाओं को पानी और तरल पदार्थों का सेवन अधिक मात्रा में करना चाहिए। खूब सारा पानी पियें, हर एक घंटे में पेशाब लगनी जरुरी होता है इसलिये आपको लगभग 10-12 ग्लास पानी तो रोज पीना चाहिये।
कभी भी तेज आई पेशाब को रोके नहीं, जब भी पेशाब लगे तुरंत जाएं वरना यूटीआई होने का खतरा बढ़ जाएगा। पेशाब रोकने के कारण भी यह संक्रमण फैलता है।
हमेशा कॉटन फैब्रिक से ही बनी अंडरवेयर पहने, जिससे त्वचा हमेशा सूखी बनी रहे औ बैक्टीरियल फॉर्मेशन न हो। रोज नहाना और पर्सनल हाइजीन रखने से आप इस बीमारी से दूर रहेंगी।
- पेशाब के दौरान दर्द होना।
- वैजाइना में दर्द या जलन होना।
- यूरिन पास करने के दौरान अधिक समय लगना।
- सेक्स के दौरान अधिक दर्द होना।
- बार-बार पेशाब आना।
- मूत्र से दुर्गंध आना।
- पेट के निचले हिस्से में दर्द होना।
- हल्का बुखार होना।
- कभी-कभी मूत्र के साथ खून भी आना।
सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि जैसे ही संक्रमण का कोई भी लक्षण महसूस हो तुरंत डॉक्टर की सलाह लें। देर करने से ये संक्रमण बढ़कर गुर्दों तक पहुंचकर उन्हें क्षतिग्रस्त कर सकता है।