शारीरिक संबंध के दौरान स्त्री की लज्जा उसे परेशान रखती है। पहली बार तो स्त्री पुरुष की आंखों से आंखें नही मिलाना चाहती। ये भावनाएं गहराई से जमी रहती है। पुरुष और स्त्री अपने शरीर के नग्न प्रदर्शन में लज्जा का अनुभव करते हैं। शरीर को दूसरों की दृष्टि का केंद्र बनाने की भावना उद्विग्नता पैदा करती है, पर यह सच्चाई है।
लज्जाशील युवती और आक्रमणकारी युवक
युवतियों में लज्जा अधिक होती है, युवकों में नहीं। युवकों की भूमिका इस कार्य में हमेशा आक्रमणकारी की होती है। उन्हें संकोच या भय नहीं कि किसी को उनकी निष्क्रियता दिखाई देगी। उनकी स्त्रियां उनसे सक्रियता की आशा करती हैं। उन्हें तो श्रेय तभी मिलता है जब वे अपनी काम शक्ति दिखा सकें, स्त्री को आनंद प्रदान कर सकें। वे सिद्ध करना चाहते हैं कि वे इस कला में विजय प्राप्त कर सकते हैं।