किस देव की कितनी परिक्रमा करनी चाहिये ?
वैसे तो सामान्यत: सभी देवी-देवताओं की एक ही परिक्रमा की जाती है परंतु शास्त्रों के अनुसार अलग-अलग देवी-देवताओं के लिए परिक्रमा की अलग संख्या निर्धारित की गई है।इस संबंध में धर्म शास्त्रों में कहा गया है कि भगवान की परिक्रमा करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है और इससे हमारे पाप नष्ट होते है.सभी देवताओं की परिक्रमा के संबंध में अलग-अलग नियम बताए गए हैं.
1. – महिलाओं द्वारा “वटवृक्ष” की परिक्रमा करना सौभाग्य का सूचक है.
2. – “शिवजी” की आधी परिक्रमा की जाती है.है शिव जी की परिक्रमा करने से बुरे खयालात और अनर्गल स्वप्नों का खात्मा होता है।भगवान शिव की परिक्रमा करते समय अभिषेक की धार को न लांघे.
3. – “देवी मां” की एक परिक्रमा की जानी चाहिए.
4. – “श्रीगणेशजी और हनुमानजी” की तीन परिक्रमा करने का विधान है.गणेश जी की परिक्रमा करने से अपनी सोची हुई कई अतृप्त कामनाओं की तृप्ति होती है.गणेशजी के विराट स्वरूप व मंत्र का विधिवत ध्यान करने पर कार्य सिद्ध होने लगते हैं.
5. – “भगवान विष्णुजी” एवं उनके सभी अवतारों की चार परिक्रमा करनी चाहिए.विष्णु जी की परिक्रमा करने से हृदय परिपुष्ट और संकल्प ऊर्जावान बनकर सकारात्मक सोच की वृद्धि करते हैं.
भगवान की परिक्रमा क्यों और कितनी – bhagavaan kee parikrama kyon aur kitanee – आपके घर का वास्तु शास्त्र – apke ghar ka vastu shastra