1.भूखंड में ईशान ,पूर्व और उत्तर सदैव नीचे ,हलके ,खली और स्वच्छ होने चाहिए।
2.भूखंड में दक्षिण पश्चिम सदैव ऊँचे और भारी होने चाहिए।
3.भूखंड में पानी का बहाव सदैव ईशान कोण,पूर्व या उत्तर की ओर होना चाहिए ।दूषित जल ईशान कोण में नहीं निकलना चाहिए।
4.भूखंड का निर्माण आरंभ यानि नीव पूजन ईशान कोण से करना चाहिए।
5.बोरिंग करने के लिए ईशान या उत्तर दिशा सबसे अच्छा है।
6.शयन कक्ष के लिए दक्षिण या पश्चिम दिशा अच्छा है।
7.स्वागत कक्ष के लिए वायव्य सबसे अच्छा होता है।
8.अध्ययन कक्ष के लिए ईशान कोण सबसे अच्छा होता है।
9.पूजा स्थल के लिए सबसे अच्छा स्थान ईशान कोण होता है।
10.रसोई के लिए आग्नेय कोण सबसे अच्छा होता है।
11.शौचालय के लिए सबसे अच्छा नैऋत्य कोण सबसे अच्छा होता है।
खुशहाली लाने के लिए इन वास्तु नियमो का पालन जरूर करे – khushali laane ke liye in vaastu niyamo ka palan jaroor kare – आपके घर का वास्तु शास्त्र – apke ghar ka vastu shastra