वास्तुअनुसार प्लाट का आकार
वास्तुशास्त्र में प्लाट या घर की दिशा की तरह ही उसके आकार का भी बेहद महत्व बताया गया है. इसलिए वास्तु अनुसार जीवन में सुख समृद्धि और शांति केलिए जाने प्लाट के आकार से सम्बंधित जरूरी वास्तु टिप्स| भवन बनवाने के लिए तीन तरह के भूखंड सबसे उत्तम माने गए हैं। उनमें शामिल हैं वर्गाकार समकोण भूखंड, आयताकार समकोण भूखंड और वृत्ताकार भूखंड। वर्गाकार समकोण चतुर्भुज भूखंड को सर्वश्रेष्ठ माना गया है। इस तरह के भूखंड पर बने मकान में रहने वालों को मानसिक शांति एवं आर्थिक सम्पन्नता प्राप्त होती है। मकान बनवाने के लिए आयताकार समकोण भूखंड श्रेष्ठ माना जाता है। इसकी लंबाई-चौड़ाई अधिक नहीं होना चाहिए। इस प्रकार के भूखंड पर मकान बनवाकर उसमें रहने वाले सुखी-संपन्न बने रहते हैं। वृत्ताकार भूखंड 360 अंश का होता है। ऐसा भूखंड दुर्लभ माना गया है और बहुत कम देखने में आता है। इस प्रकार के भूखंड पर मकान बनाकर उसमें रहने वाले का संपूर्ण परिवार सुखी रहता है। त्रिभुजाकार प्लॉट निवास की दृष्टि से उत्तम नहीं माने जाते। वो भूखंड जो अपने सामने के भाग की तुलना में पीछे से अधिक चौडे होते हैं, उन्हें गोमुखी भूखंड कहा जाता है। ऐसे भूखंड पर निर्मित भवन उत्तम होते हैं। ऐसे भवन गृहस्वामी को संपन्नता दिलाते हैं। किंतु यह आवश्यक है कि ऐसे भूखंड के पूर्व या उत्तर दिशा में सडक न हो। हां, सड क दक्षिण या पश्चिम दिशा में हो सकती है। जिनका सामने का भाग पीछे के भाग की तुलना में अधिक चौडा हो, उन्हें सिंहमखी शेरमुखी भूखंड कहा जाता है। ऐसे भूखंड निवास की दृष्टि से अच्छे नहीं माने जाते, लेकिन ऐसे भूखंड व्यवसायिक उपयोग के लिए उत्तम होते हैं। ऐसा भूखंड जिसका किनारा कटा हुआ हो उसे नहीं खरीदना चाहिए। भूखंड जो दिशा विशेष में अधिक विस्तृत हो ऐसे भूखंड को खरीदने से पूर्व यह देखना आवश्यक है कि उसका विस्तार किस दिशा में अधिक है। यह विस्तार अगर उत्तर, पूर्व अथवा उत्तर-पूर्व में है तो ऐसा भूखंड उत्तम होता है। आयाताकार भूखंड भी भवन निर्माण की दृष्टि से उत्तम माना जाता है.”
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