mandir - vastu dosh nivaran

मंदिर – वास्तु दोष निवारण – वास्तु दोष निवारण – mandir – vastu dosh nivaran – vastu dosh nivaran

वास्तु दोष निवारण मंदिर
मंदिर में जलने वाला दिया हमेशा मंदिर के दक्षिण-पूर्वी दिशा में रखना चाहिए. जिससे मंदिर के हर एक कोने में रौशनी पहुंच सके और साथ ही ये धन-दौलत, खुशी और पॉज़िटिविटी लाने का काम करता है. अगर घर में कम जगह की वजह से आपका मंदिर बेडरूम या किचन में हो, तो आप पूजा के बाद उसे हमेशा एक परदे से ढककर रखें. वास्तु के मुताबिक घर का मंदिर स्थापित करने का सबसे शुभ स्थान ईशान कोण (उत्तर-पूर्व) माना जाता है. इसीलिए अपने घर के मंदिर को ईशान कोण दिशा में ही रखें. इससे आपके घर एवं जीवन में सकरात्मक का संचार होता है. पूजा रूम की दीवारों में कभी भी डार्क नीला या काला बिलकुल भी न करे. केवल पूजा रूम की दीवारों में पीला, हरा या फिर हल्का गुलाबी रंग रखें. ये वास्तु अनुसार शुभ रंग माने जाते है. मंदिर और बाथरूम की दीवार कभी भी एक नहीं होनी चाहिए और अगर मंदिर दूसरे फ्लोर पर है तो नीचे टॉयलेट कदा भी ना हो क्योंकि इससे घर में नेगेटिविटी उत्पन्न हो सकती है. घर का मंदिर हमेशा लकड़ी का रखें. वास्तु के मुताबिक लकड़ी का मंदिर गुड लक का प्रतिक माना जाता है. अगर आप संगमरमर का मंदिर रखना चाहते हैं तो वो भी रख सकते हैं. इससे भी घर में शांति और खुशहाली आती है. अगर आपका मंदिर ज़मीन पर बना हुआ है तो ये घर में अशांति लाता है. आप मंदिर को हमेशा एक बड़े से चोके में रखकर इसे ऊँचे स्थान पर ही रखे. ये घर के वास्तु दोष को दूर करता है और इससे घर में धन-सम्पत्ति का वास होता है. अपने मृतक बुज़ुर्गों की फोटो को कभी भी भगवान के स्थान पर या उनके पास न रखें. अगरबत्ती, धूपबत्ती, कपूर के पैकेटों को कभी भी मंदिर घर में सहेज कर न रखें. अपने मंदिर को हमेशा साफ रखें. इससे वास्तु दोष दूर रहता है. ”

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