वास्तु पूजा :
वास्तु यंत्र के साथ-साथ वास्तु पुरुष, ब्रह्मा, विष्णु, महेश की पूजा करके, अन्य सभी देवताओं और देवियों की पूजा की जाती हैं. वास्तु पूजा से वातावरण में फैली हुई सभी बाधाओं को खत्म किया जा सकता है अन्यथा जीवन जीने में बाधा उतपन्न हो सकती हैं. वास्तुी अनहोनी, नुकसान और दुर्भाग्य से भी बचाता है. ये घर के साथ-साथ काम के स्थान पर भी उत्तर या पूर्व दिशा में स्थापित किया जा सकता हैं .
वास्तु दोष निवारण यंत्र की पूजा कैसे करें :
सबसे पहले नहा -धोकर अपने मन को शांत करें. ये सुनिश्चित कर लें कि यंत्र इस प्रकार रखा हो की आप का मुंह पूर्व दिशा की ओर हो. वास्तु दोष निवारण यंत्र के आगे दीया जला दें. अगर हो सके तो यंत्र के आगे 2 – 3 ताजा फूल रख दें.
बीज मंत्र का जाप :
21 बार बीज मंत्र का जाप करें जो यन्त्र के साथ मिला हो. अगर आप संस्कृत नहीं जानते, तो हिंदी या इंग्लिश
में भी आप इसका जाप कर सकते हैं. अब आप जो कुछ भी अपने दिल की इच्छा से मांगना चाहते है उन्हें
ऊंची आवाज में बोलकर अपनी पूजा को समाप्त करें.
बीज मंत्र :
बीज मंत्र जो वास्तु दोष निवारण यंत्र के साथ पढ़ा जाता है – “ओम आकर्षय महादेवी राम राम प्रियं हे त्रिपुरे देवदेवेषि तुभ्यं दश्यमि यंचितम ”
वास्तु दोष निवारण यंत्र का महत्व :
वास्तु दोष निवारण यंत्र बहुत ही शक्तिशाली यंत्र होता हैं. ये यंत्र किसी भी इमारत की वास्तु में दोष के कारण उत्पन्न होने वाले हानिकारक प्रभावों से निपटने के लिए बहुत प्रभावशाली होता हैं. वास्तु दोष निवारण यंत्र एक ऐसा यंत्र है जो सभी पांच तत्वों-पृथ्वी, जल, वायु, अग्नि और अंतरिक्ष के बीच संतुलन बनाकर हमारे घर और काम के स्थान पर समृद्धि, मानसिक शांति , खुशी और सामंजस्य को प्राप्त करने में मदद करता हैं.
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