बाथरूम शौचालय से जुड़े वास्तु उपाय
बाथरूम में एक कटोरी में खड़ा यानी साबूत नमक रखने से कई वास्तु दोष दूर हो जाएंगे। कटोरी में रखा नमक महीने में एक बार बदल लेना चाहिए। खड़ा नमक आपके घर की नकारात्मक ऊर्जा को ग्रहण कर लेता है और वातावरण को सकारात्मक बनाता है। यदि आपके बाथरूम में दर्पण लगा हुआ है तो इस बात का ध्यान रखें कि दर्पण दरवाजे के ठीक सामने न हो। बाथरूम व शौचालय एक साथ होने पर दरवाजे के मुख्यद्वार के नीचे नौं इंच की लाल चौड़ी पटटी बनायें। ऐसा करने से वास्तुदोष में कमी आयेगी। स्नानघर के अन्दर फिटकरी का एक बड़ा टुकड़ा रख देंगे तो उससे भी वास्तुदोष का प्रभाव काफी कम हो जायेगा। वास्तु अनुसार टॉयलेट का पूर्व, उत्तर-पूर्व, या उत्तर-उत्तर-पूर्व दिशा में होना स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्याओं का एक कारण हो सकता है. किसी भी भवन में टॉयलेट ईशान कोण को छोड़कर कहीं भी बनाया जा सकता है। ईशान कोण में टॉइलट बनाने से स्वास्थ्य सम्बन्धी परेशानियां और आर्थिक कष्ट होने की संभावना रहती है। 2-3 दिन में कम से कम एक बार पूरा बाथरूम अच्छी तरह साफ करना चाहिए। बाथरूम यदि एकदम साफ रहेगा तो इसका शुभ असर आपके स्वास्थ्य और आर्थिक स्थिति पर भी पड़ेगा। जिस घर में बाथरूम व शौचलय एक साथ अटैच हो उसका दरवाजा हमेशा बन्द रखना चाहिए जिससे कि शौचालय की नकारात्मक उर्जा घर के अन्दर प्रवेश न करें। अगर बाथरूम और शौचालय एक साथ अटैच है तो उसके अन्दर एक पानी से भरी बल्टी हमेशा रखी रहनी चाहिए। जो बर्तन खाली हो उन्हें उल्टा करके रख देना चाहिए। गीजर आदि विद्युत उपकरण अग्नि से संबंधित होते हैं इसीलिए इसे बाथरूम के आग्नेय कोण अर्थात दक्षिण-पूर्व दिशा में लगाना चाहिए। ”
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