mandir vastu upaay

मंदिर वास्तु उपाय – वास्तु उपाय – mandir vastu upaay – vastu upay

मंदिर से जुड़े वास्तु उपाय
वास्तु विज्ञान के अनुसार पूजन, भजन, कीर्तन, अध्ययन-अध्यापन सदैव ईशान कोण में होना चाहिए। वास्तुअनुसार पूजा करते समय व्यक्ति का मुख पूर्व में होना चाहिए। ईश्वर की मूर्ति का मुख पश्चिम व दक्षिण की ओर होना चाहिए। ब्रह्मा, विष्णु, शिव, इंद्र, सूर्य, कार्तिकेय का मुख पूर्व या पश्चिम की ओर होना चाहिए। गणेश, कुबेर, दुर्गा, भैरव का मुख नैऋत्य कोण की ओर होना चाहिए। ज्ञान प्राप्ति के लिए पूजागृह में उत्तर-दिशा में बैठकर उत्तर की ओर मुख करके पूजा करनी चाहिए और धन प्राप्ति के लिए पूर्व दिशा में पूर्व की ओर मुख करके पूजा करना उत्तम है। वास्तु अनुसार घर के मंदिर में दो शिवलिंग, तीन गणेश, दो शंख, रखना शुभ नहीं माना गया है. पूजा घर का रंग स़फेद या हल्का क्रीम रंग का होना शुब्ता प्रदान करने वाला होता है. शयनकक्ष में कभी भी पूजा स्थल नहीं बनाना चाहिए. अगर जगह की कमी की वजह से मंदिर शयनकक्ष में है तो मंदिर के चारों ओर पर्दे लगा दें. वास्तुअनुसार पूजाघर के लिए सबसे बढ़िया स्थान ईशान कोण माना गया है. इस दिशा में मंदिर होने से घर में सकारात्मक ऊर्जा आती है. पूजा करते समय आपका मुख पूर्व की तरफ़ होना शुभ माना जाता है क्योकि इससे घर में धन, समृद्धि का वास होता है. वास्तुअनुसार सीढ़ियों के नीचे कभी भी मंदिर नहीं बनाना चाहिए. इसके अलावा घर के मंदिर के ऊपर गुंबद बनाने से नकारात्मक ऊर्जा आती है. ”

मंदिर वास्तु उपाय – mandir vastu upaay – वास्तु उपाय – vastu upay

 

Tags: , , , , , , , ,

Leave a Comment

Scroll to Top