अंडर ग्राउंड टेंक की स्थति उत्तर पूर्व में (ईशान कोण) में होनी चाईए और किसी भी स्थान पर नहीं |
ओवर हेड टेंक की नेश्रत्य कोण में (भार हेतु) रखनी चाईए या फिर ईशान में कम भार का टेंक बनाना चाईए |
अंडर ग्राउंड टेंक और ओवर हेड टेंक वास्तु – andar graund tenk aur ovar hed tenk vaastu – वैदिक वास्तु शास्त्र – vedic vastu shastra