घातक काल सर्प योग
● योग: घातक काल सर्प योग तब बनता है, जब कुंडली के 10वें भाव में राहु और चतुर्थ भाव में केतु तथा इसके बीच सारे ग्रह आ जाये.
● प्रभाव: ऐसे लोगों के वैवाहिक जीवन में तनाव बना रहता है. पैतृक संपत्ति जल्दी नहीं मिल पाती है. ऐसे लोग नौकरी या व्यापार के लिये हमेशा परेशान रहते हैं. कर्ज भी बहुत जल्दी चढ़ जाता है. हृदय और सांस के रोग की परेशानी बनी रहती है.
● उपाय: नित्य प्रति हनुमान चालीसा का पाठ करें व प्रत्येक मंगलवार का व्रत रखें और हनुमान जी को चमेली के तेल में सिंदूर घुलाकर चढ़ाएं तथा बूंदी के लड्डू का भोग लगाएं.
2- एक वर्ष तक गणपति अथर्वशीर्ष का नित्य पाठ करें.