secret of mulank bhagyank 7

मूलांक 7 – अंक ज्योतिष | Secret of Mulank Bhagyank 7 – ank jyotish

विशेषताएं ►
मूलांक सात का स्वामी नेप्चून है. आप में अनेक खूबियां हैं और आप सैकड़ों में पहचाने जा सकते हैं. आप साहित्य, संगीत, ललित कला या चित्र कला में ये ख्याति अर्जित करते हैं. आप धन की अपेक्षा मान-सम्मान पर यकीन करते हैं.
आप अकेला रहना पसंद करते हैं और अपने विचार किसी से साझा नहीं करते. अपने गहरे व्यक्तित्व के कारण इनकी सोच रहस्य से काम नहीं रहती. आप शायद ही किसी पर भरोसा करते हैं.

आप धर्म-भीरु होते हैं और अध्यात्म में रूचि रखते हैं. आप दूरदर्शी हैं और आप गूढ़ विषयों के ज्ञाता होते हैं. आपका अंतर्मुखी व्यक्तित्व आपको सबसे अलग थलग रखता है. आप अंदर से तो बहुत मजबूत होते हैं, परन्तु बाहर से आपके मित्रो, परिवारजनों को कुछ भी पता नहीं रहता और आप एक पहेली से काम नहीं लगते.

आप कल्पनाशील, विज्ञान-प्रेमी, दार्शनिक और उन्नत विचार के स्वामी होते हैं. आप नित्य नवीनता पसंद करते हैं और आपकी योजनाएं शायद ही विफल होती हैं.

कमियाँ ►

1. आपके विचार किसी भी विषय पर विस्तृत ज्ञान रखते हैं, परन्तु आप उसी विषय से जुडी सूक्ष्म बातें नज़रअंदाज़ कर जाते हैं.

2. आपका अंतर्मुखी व्यक्तित्व आपकी बड़ी कमज़ोरी है, आपके सोच और आपके विचार किसी को पता नहीं रहते और लोग आपके बारे में गलतफहमी के शिकार हो जाते हैं.

3. आप ज़्यादातर अकेला रहना पसंद करते हैं और किसी की दखल आपको पसंद नहीं रहती रिश्तों में भी एक अधूरापन बरक़रार रहता है. आप किसी पर भरोसा नहीं करते और करीबी रिश्तों में ऐसा स्वभाव खोखलापन लाता है. करीबी रिश्तों में लोगों पर भरोसा रखें और थोड़ा घुलें-मिलें.

विवेचना ►

• स्वामी ग्रह- नेपच्यून
• शुभ तारीखें- 7, 16, 25
• सहायक तारीखें- 2, 11, 20, 29 एवं 1, 10, 19, 28 तथा 4, 13, 21, 31
• शुभ समय- 21 जून से 25 जुलाई
• शुभ वर्ष- 7, 16, 25, 34, 43, 52, 61, 70वां वर्ष
• सहायक वर्ष- 2, 11, 20, 29, 38, 47, 56, 65, 74 तथा 1, 10, 19, 37, 46, 55, 64, 73 एवं 4, 13, 22, 31, 40, 49, 58, 67
• निर्बल समय- जनवरी, फरवरी, जुलाई, अगस्त
• शुभ दिन- रविवार, सोमवार, बुधवार
• सर्वोत्तम दिन- सोमवार शुभ रंग- हरा, हल्का पीला, सफेद, चमकीला
• शुभ रत्न- हीरा, लहसिनया
• शुभ धातु- स्वर्ण रोग- संक्रमण रोग, पसीने की अधिकता, आमाशय दोष, कब्ज, भूख न लगना, अनिद्रा, घबराहट, वातरोग, मंदाग्नि, कफ, रक्त विकार
• इष्ट देव- नृसिंह भगवान
• व्रत- सोमवार
• दान पदार्थ- सोना, लोहा, पंचधातु, जूता, सप्तधान्य, तेल
• व्यवसाय- तैराकी, अभिनय, फिल्म, वायुसेना, पर्यटन, ड्राइवरी, जलयान का कार्य, मेडिसिन, चिकित्सा, कृषि, सर्जरी, प्लास्टिक, ललितकला, तरल पदार्थ, कूटनीतिक कार्य, खनिज एवं अनुवादक का कार्य इत्यादि
• अनुकूल दिशा- दक्षिण-पूर्व, उत्तर-पूर्व
• प्रतिकूल दिशा- उत्तर-पश्चिम

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