महापद्म कालसर्प योग
● योग: राहु छठे भाव में और केतु बारहवे भाव में और इसके बीच सारे ग्रह अवस्थित हों तथा इसके बीच सारे ग्रह आ जाये तो महापद्म कालसर्प योग बनता है.
● प्रभाव: इस योग में जातक शत्रु विजेता होता है, विदेशों से व्यापार में लाभ कमाता है लेकिन बाहर ज्यादा रहने के कारण उसके घर में शांति का अभाव रहता है. इस योग के जातक को एक ही चिज मिल सकती है धन या सुख. इस योग के कारण जातक यात्रा बहुत करता है उसे यात्राओं में सफलता भी मिलती है परन्तु कई बार अपनो द्वारा धोखा खाने के कारण उनके मन में निराशा की भावना जागृत हो उठती है.
● उपाय: महापद्म कालसर्प दोष के निदान के लिए हनुमान मंदिर में जाकर सुंदरकांड का पाठ करें.
2- नागपंचमी के दिन गरीब, असहायों को भोजन करवाकर दान-दक्षिणा दें.