ब्रह्मचर्य विज्ञान

vanaprastha rite

वानप्रस्थ संस्कार – ब्रह्मचर्य विज्ञान | Vanaprastha rite – brahmacharya vigyan

  गृहस्थाश्रम में अक्षमता के स्तर पर अस्तित्व पहचान संकट पैदा होने पर प्रदत्तीकरण (डेलीगेषन) तथा यम, नियम, वियम, संयम (यम-लोक) योगाभ्यास साधना द्वारा आत्मिक क्षमतावृद्धि करना वानप्रस्थ आश्रम है। विवाह से सुसन्तानोत्पत्ति करके, पूर्ण ब्रह्मचर्य से, पुत्र के विवाह उपरान्त पुत्र की भी एक सन्तान हो जाए, तब व्यक्ति को वानप्रस्थ अर्थात् वन में […]

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dandruff

बाल्यावस्था में कुटेव – ब्रह्मचर्य विज्ञान | Dandruff – brahmacharya vigyan

  जिन विद्यार्थियों को बाल्यावस्था में कुटेव की बान पड़ जाती है जिन विद्यार्थियों को बाल्यावस्था में कुटेव की बान पड़ जाती है, या जो बुरी संगत में पड़कर अपना आचरण बिगाड़ लेते हैं और फिर अच्छी शिक्षा पाने पर आचरण सुधारने का प्रयत्‍न करते हैं, परन्तु सफल मनोरथा नहीं होते, उन्हें भी निराश न

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wedding ceremony

विवाह संस्कार – ब्रह्मचर्य विज्ञान | Wedding ceremony – brahmacharya vigyan

  विद्या, विनय, शील, रूप, आयु, बल, कुल, शरीरादि का परिमाण यथायोग्य हो जिन युवक युवती का उनका आपस में सम्भाषण कर माता-पिता अनुमति से गृहस्थ धर्म प्रवेश विवाह है। अर्थात् पूर्ण ब्रह्मचर्यव्रत विद्या बल को प्राप्त करके, सब प्रकार के शुभगुण-कर्म-स्वभावों में तुल्य, परस्पर प्रीतियुक्त हो, विधि अनुसार सन्तानोत्पत्ति और अपने वर्णाश्रमानुकूल उत्तम कर्म

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observing celibacy fast

ब्रह्मचर्य व्रत का पालन – ब्रह्मचर्य विज्ञान | Observing celibacy fast – brahmacharya vigyan

  परिचय वर्तमान समय में इस देश की कुछ ऐसी दुर्दशा हो रही है कि जितने धनी तथा गणमान्य व्यक्ति हैं उनमें 99 प्रतिशत ऐसे हैं जो अपनी सन्तान-रूपी अमूल्य धन-राशि को अपने नौकर तथा नौकरानियों के हाथ में सौंप देते हैं। उनकी जैसी इच्छा हो, वे उन्हें बनावें ! मध्यम श्रेणी के व्यक्‍ति भी

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inclusion ceremony

समावर्तन संस्कार – ब्रह्मचर्य विज्ञान | Inclusion ceremony – brahmacharya vigyan

  परिणीत युवक, परिणीता युवती, नव्य-नव्य युवक, नव्या-नव्या युवती जो ब्रह्ममय, वेदमय उदात्त विचारों के आधुनिकतम सन्दर्भों के आध्यात्मिक, आधिभौतिक, आधिदैविक विज्ञानों में निष्णांत हों उनके लिए यह संस्कार किया जाता है। 24 वर्ष के वसु ब्रह्मचारी अथवा 36 वर्ष के रुद्र ब्रह्मचारी या 48 वर्ष के आदित्य ब्रह्मचारी जब सांगोपांग वेदविद्या, उत्तम शिक्षा, और

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ways-to-live-celibate-life

ब्रह्मचर्य जीवन जीने के उपाय – ब्रह्मचर्य विज्ञान | Ways to live celibate life – brahmacharya vigyan

► परिचय ब्रह्मचर्य जीवन जीने के उपाय- शरीर के अन्दर विद्यमान ‘वीर्य’ ही जीवन शक्ति का भण्डार है। शारीरिक एवं मानसिक दुराचर तथा प्राकृतिक एवं अप्राकृतिक मैथुन से इसका क्षरण होता है। ► कामुक चिंतन आने पर निम्र उपाय करें जिस प्रकार गन्ने का रस बाहर निकल जाने के पश्चात ‘छूछ’ कोई काम का नहीं

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vedambha rites

वेदारम्भ संस्कार – ब्रह्मचर्य विज्ञान | Vedambha Rites – brahmacharya vigyan

  यह उपनयन के साथ-साथ ही किया जाता है। इस संस्कार को करके वेदाध्ययन प्रारम्भ किया जाता था। इसमें बालक में सुश्रव, सुश्रवा, सौश्रवस होने तथा इसके बाद यज्ञ की विधि फिर वेद की निधि पाने की भावना होती है। यह संस्कार महान् अस्तित्व पहचान संस्कार है। इसे संस्कारों का संस्कार कह सकते हैं। इस

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self control

आत्मसंयम – ब्रह्मचर्य विज्ञान | Self-control – brahmacharya vigyan

  जिसने जीभ को नहीं जीता वह विषय वासना को नहीं जीत सकता। मन में सदा यह भाव रखें कि हम केवल शरीर के पोषण के लिए ही खाते हें, स्वाद के लिए नहीं। जैसे पानी प्यास बुझाने के लिए ही पीते है, वैसे ही अन्न केवल भूख मिटाने के लिए ही खाना चाहिए। हमारे

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thread ceremony

उपनयन संस्कार – ब्रह्मचर्य विज्ञान | Thread ceremony – brahmacharya vigyan

  इस संस्कार में यज्ञोपवीत या जनेऊ धारण कराया जाता है। इसके धारण कराने का तात्पर्य यह है कि बालक अब पढ़ने के लायक हो गया है, और उसे आचार्य के पास विद्याध्ययन के लिए व्रत सूत्र में बांधना है। यज्ञोपवीत में तीन सूत्र होते हैं जो तीन ऋणों के सूचक हैं। ब्रह्मचर्य को धारण

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power of restraint

संयम की शक्ति – ब्रह्मचर्य विज्ञान | Power of restraint – brahmacharya vigyan

  ब्रह्मचर्य का ऊँचे में ऊँचा अर्थ यही हैः ब्रह्म में विचरण करना। जो ब्रह्म में विचरण करे, जिसमें जीवनभाव न बचे वही ब्रह्मचारी है। ‘जो मैं हूँ वही ब्रह्म है और जो ब्रह्म है वही मैं हूँ….’ ऐसा अनुभव जिसे हो जाये वही ब्रह्मचर्य की आखिरी ऊँचाई पर पहुँचा हुआ परमात्मस्वरूप है, संतस्वरूप है।

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