हम सभी जानते है की वैदिक ज्योतिष का सम्बन्ध १२ घर १२ राशियाँ और नौ ग्रहों से है, लेकिन में यहाँ पर ज्योतिष की कार्यप्रणली के बारे में चर्चा करना चाहता हूँ ! चलो जानने की कोशिश करते है की ज्योतिष किन सिद्धांतो पर कार्य करता है और इसके पीछे छिपे क्या तथ्य है तथा लाखों लोग इस विज्ञान से किस प्रकार जुड़े हुए है ! जहाँ तक में समझता हूँ ज्योतिष एक ऐसी कार्य प्रणली है जिसके द्वारा मनुष्यों को अपने पिछले जन्मो के कर्मो का फल प्राप्त होता है ! अच्छे कर्मो का अच्छा फल तथा बुरे कर्मो का बुरा फल ! मान लो यदि आपने अपने पिछले जन्म में अच्छे कर्म किये है तो इस जन्म में आप एक सुखी जीवन व्यतीत करेंगे ! कम परिश्रम से भी अधिक फल की प्राप्ति करेंगे, परन्तु यदि आपने यदि अपने पिछले जन्म में सिर्फ बुरे ही बुरे कर्म किये है तो अगला जन्म आपके बुरे कर्मो का फल देगा ! पूरा जीवन दुःख और परेशानियों से भरा और अधिक से अधिक महनत करने पर भी फल की प्रति नहीं होगी ! और यही कारण है की लाखों लोग जीवन भर संघर्ष करने पर भी कुछ प्राप्त नहीं कर पाते और दूसरी तरफ कम परिश्रमी लोग अपने जीवन में बैठे बीठाय बहुत कुछ हांसिल कर लेते है!
वैदिक ज्योतिष अपनी भूमिका निभाता है
जीवन को सुखी कर सके ? जी हाँ यही पर वैदिक ज्योतिष अपनी भूमिका निभाता है, किसी भी जातक की कुंडली में हर एक गृह का अपना कार्य निर्धरित होता है , मान लो यदि गृह द्वारा आपको जीवन में तरक्की प्राप्त होनी है तो उस गृह को आपके लिए यह करना होगा, और यदि किसी गृह के द्वारा आपको जीवन में कष्ट दिए जाने है तो वह कष्ट अवश्य देगा ! हर गृह के द्वारा दिया जाने वाला फल आपके पिछले जन्म के कर्मो द्वारा पूर्व निर्धारित हो जाता है ! आप इन ग्रहों के उचित पूजा पाठ, दान और उपायों द्वारा इनसे मिलने वाले कष्टों में कमी ला सकते है और इन ग्रहों के रत्नों द्वारा इनसे प्राप्त होने वाले शुभ फलों में वृद्धि कर अधिक लाभ उठा सकते है
► ज्योतिष या ज्योतिष प्रकाश
कोई भी अन्य विज्ञान भारतीय ज्योतिष की तुलना में इतना अधिक रोचक, शिक्षाप्रद और साथ ही मानव जाती के लिए उपयोगी और नैतिक व आर्थिक उन्नति के लिए योगदान नही दे सकता है | भारतीय ज्योतिष का मुख्य आधार है व्यक्तिओं, जातिओं, राष्ट्रों या अन्य गतिविधिओं के विषय में ग्रहों की गति के अनुसार भविष्यवाणी करना | संस्कृत में , यह ज्योतिष प्रकाश के रूप में जाना जाता है |
► भारतीय ज्योतिष में शाखाएँ
भारत में ज्योतिष की तीन शाखाएँ हैं: सिद्धांता, संहिता और होरा | सिद्धान्तास वह होते हैं जो खगोलीय पिंडों के खगोलीय अध्ययन के लिए समर्पित करते हैं | संहितास का सांसारिक ज्योतिष, भूकंप, बाढ़, ज्वालामुखी विस्फोट, वर्षा, मोसम की स्तिथि व आर्थिक स्तिथि आदी मुख्य क्षेत्र है | होरा हमारे रोज़ाना जीवन में होने वाली विभिन्न घटनाओं के उपयुक्त समय की भविष्यवाणी के साथ संभंधित है |