केतु – दरवेश आकबत अन्देश दुनिया की आवाज़ दरगाह में पहुंचाने वाला दरवेश कुत्ता, मौत के यम की आमद पहले बताये।
दुनियावी कारोबार के हल करने के लिये इधर उधर सलाह मशवरे के लिये दौड़ धूप का 48 साला उम्र का ज़माना केतु का दौर दौरा है। ज़र्द बृहस्पति, सुर्ख मंगल, अण्डे का रंग बुध तीनों ग्रहों का मजमुआ केतु तीनो ही ज़मानों का मालिक होगा। जान से मारने की बजाये आखिर कब्र तक (चारपाई, तख्ता) मदद होगा। केतु नेकी का फरिशता, सफर का मलिक और आखीर तक मदद देने वाला ग्रह है। केतु से मुराद सफेद व काला दो रंगा कुत्ता है। कुत्तिया का नर बच्चा जो एक ही पैदा हुआ हो, खानदानी नस्ल कायम कर जायेगा।
1. मन्दे केतु के वक्त अपनी कमज़ोरी दूसरों को बताना, दूसरों के आगे रोना और भी मन्दी मुसीबत देगा। बृहस्पति का उपाय मददगार होगा।
2. मन्दी सेहत के वक्त चन्द्र का उपाय मददगार मगर लड़का मन्दा हो तो धर्म स्थान में काला व सफेद कम्बल देना मुबारक होगा।
3. पांव या पेशाब की तकलीफ के वक्त पांवों के दोनों अगूंठों में खालिस रेशम का सफेद धागा बांधना या चांदी छल्ला डालना मददगार साबित होगा।
4. केतु की चारपाई भी मानी गई है। मगर ग्रहचाल में चूंकि केतु को शुक्र का फल माना है इसलिये चारपाई दरअसल वह जो शादी के वक्त दहेज में मामा या माता पिता की तरफ से लड़की को बतौर दान दी गई हो। ऐसी चारपाई को औलाद की पैदायश के लिये इस्तेमाल करना उत्ताम फल देगा चाहे केतु कुंडली में कितना भी नीच मन्दा या बर्बाद ही क्यों न हो। जब तक वह चारपाई घर में मौजूद और इस्तेमाल में रहे, केतु का फल कभी मन्दा ना होगा।
5. मन्दी हालत में केतु दुनिया का धोखेबाज छलावा होगा। जब तक बुध अच्छा, केतु बर्बाद ही होगा। केतु का मकान, बच्चे व औरत जात की हालत मन्दी ही रखेगा। बृहस्पति या सूरज जब दुश्मन ग्रहों से खुद ही मर रहे हों तो केतु बर्बाद होगा। केतु मन्दे के वक्त खासकर जब कुंडली में चन्द्र और शुक्र इकट्ठे हो रहे हों तो बच्चे का जिस्म सूखने लग जाता है। ऐसे वक्त में बच्चे के जिस्म पर दरिया, नदी, नाले की मिट्टी, मुलतानी मिट्टी या गाचनी मलकर खुश्क होने दें। जब कुछ अर्सा हो जाये तो बच्चे को मौसम के मुताबिक सर्द या गर्म पानी से नहलाकर साफ कर देवें। ऐसा 40-43 दिन लगातार करने से जिस्म का सूखना ठीक हो जायेगा।