राहु और चन्द्र किसी भी भाव में एक साथ जब विराजमान हो, तो हमेशा चिन्ता का योग बनाते है, राहु के साथ चन्द्र होने से दिमाग में किसी न किसी प्रकार की चिन्ता लगी रहती है, पुरुषों को बीमारी या काम काज की चिन्ता लगी रहती है, महिलाओं को अपनी सास या ससुराल खानदान के साथ बन्धन की चिन्ता लगी रहती है। राहु और चन्द्रमा का एक साथ रहना हमेशा से देखा गया है, कुन्डली में एक भाव के अन्दर दूरी चाहे २९ अंश तक क्यों न हो, वह फ़ल अपना जरूर देता है। इसलिये राहु जब भी गोचर से या जन्म कुन्डली की दशा से एक साथ होंगे तो जातक का चिन्ता का समय जरूर सामने होगा।