उत्तर भारतीय पद्धति में भाव स्थिर रहते हैं अर्थात एक से बारह भाव तक स्थिर होते हैं पर लग्न उदय के साथ राशियाँ बदल जाती है। जिस समय जो लग्न उदय होता है उसे सदा पहले भाव में लिखा जाता है और उसके बाद बाकि सभी राशियों को क्रम से लिखा जाता है। राशियों को बाईं ओर क्रम से लिखा जाता है, माना पहले भाव में कर्क राशि है तब बाईं ओर दूसरे भाव में सिंह राशि और तीसरे भाव में कन्या और बाकि सभी इसी क्रम में चलती जाएगी।