var-kanya ki kundali

वर-कन्या की कुंडली – बारहवां दिन – Day 12 – 21 Din me kundli padhna sikhe – var-kanya ki kundali – Barahavaan Din

वर-कन्या की कुंडली में विवाह से संबंधित ग्रह और भावों की प्रवृति में उत्तम तालमेल हो तो उनके उत्तरदायित्वों के वहन में सफलता प्राप्त होती है और दाम्पत्य जीवन में समरसता बनी रहती है। पति की कुंडली के प्रत्येक भाव और उसमें स्थित ग्रह का पत्नी के तत्संबंधित भाव, लग्न या ग्रह आदि से उत्तम तालमेल होना जरूरी है, अन्यथा दाम्पत्य जीवन कष्टमय हो जाता है।

भावी वर-वधू का वैवाहिक जीवन मंगलमय हो, इसके लिए दोनों की जन्म कुंडली में स्थित ग्रह-योग आदि का मिलान किया जाना चाहिए। कुंडली मिलान से ही मांगलिक दोष और उसके परिहार (यदि कोई हो) की जानकारी संभव है। प्रचलित गुण मिलान राशि और नक्षत्र पर आधारित है, जिसमें विशेषकर गण, भकूट एवं नाडी दोष का विचार किया जाता है। दोनों के भाग्य, धन-दौलत, संतान सुख, कार्य-व्यवसाय, मकान, वाहन आदि जीवन के समस्त पहलुओं का विचारजन्म कुंडली मिलान से ही संभव है।

दोनों की कुंडली के ग्रह योग एवं उनकी दशा-अंतर्दशा के आधार पर यह ज्ञात होता है कि आने वाली बहू या वर भाग्यशाली रहेगा या नहीं। कुंडली में अनुकूल ग्रह स्थितियां हों तो जीवनपर्यंत मधुर संबंध बने रहते हैं। कई बार पाया है कि पति-पत्नी के गुण मिलान उत्तम हैं, परन्तु संबंधित भावों, ग्रहों में तालमेल नहीं है, तो दाम्पत्य जीवन सुखी नहीं रहता। इसके विपरीत संबधित भावों, ग्रहों में उत्तम तालमेल हो तो अनेक परेशानियां स्वत: ही दूर हो जाती हैं।

वर-कन्या की कुंडली – var-kanya ki kundali – बारहवां दिन – Day 12 – 21 Din me kundli padhna sikhe – Barahavaan Din

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