mangali yog ya dosh

मंगली योग या दोष – बीसवां दिन – Day 20 – 21 Din me kundli padhna sikhe – mangali yog ya dosh – Beesavan Din

हिन्दू ज्योतिष में मंगल को लग्न, द्वितीय भाव में (भवदीपिका नामक ग्रंथ), चतुर्थ, सप्तम, अष्टम और द्वादश भाव में दोष पूर्ण माना जाता है। इन भावो में उपस्थित मंगल मंगली दोष का निर्माण करता है। इन भावो में मंगल को वैवाहिक जीवन के लिए अनिष्टकारक कहा गया है। जन्म कुण्डली में इन पांचों भावों में मंगल के साथ जितने क्रूर ग्रह बैठे हों मंगल उतना ही दोषपूर्ण होता है जैसे दो क्रूर गृह साथ होने पर दोष दुगुना हो जाता है।

द्वितीय भाव में (भवदीपिका नामक ग्रंथ) में विराजित मंगल को मंगली दोष बतया गया है पर अधिकांश ज्योतिषी द्वितीय भाव में मंगली दोष नही मानते क्योंकि हिन्दू ज्योतिष केवल एक ग्रंथ को आधार मान कर निर्णय नही लेता, इसके लिए अनेको ग्रंथो को पड़ा और समझा जाता है।

यह दोष शादी शुदा ज़िंदगी के लिए कष्टकारी माना जाता है। अगर मंगली पुरुष या स्त्री का विवाह मंगली ही पुरुष या स्त्री से न हो तो यह वैवाहिक जीवन को कलह पूर्ण बना देते है। कई लोगो ने भ्रांतिया फैला रखी है कि मंगली का विवाह मंगली से न हो तो दोनों में से किसी एक की मृत्यु हो जाती है जो बात सर्वथा गलत है। मृत्यु होने के लिए अकेला मंगल ही जिम्मेदार नही होता उसके साथ कुंडली में और भी कई स्थितियां होती है जैसे लग्नेश का कमजोर होना, मृत्यु स्थान और लग्न का राशि परिवर्त्तन इत्यादि। हाँ यह बात मानी जा सकती है की मंगली का विवाह अगर मंगली से न हो तो जीवन में कई बार मृत्यु तुल्य कष्ट भोगना पड़ जाता है।

उपाय – मंगली दोष पहला उपाय तो यही है की मंगली व्यक्ति का मंगली से ही विवाह संस्कार करवाया जाये। अगर प्रेम विवाह हो रहा हो या मंगली जीवनसाथी खोजने में परेशानी आ रही हो तो इस के लिए शास्त्रो में कई प्रकार के उपाय बतलाये गए है जैसे कुम्भ विवाह या गट विवाह। भगवान शिव शंकर और माता पार्वती के पूजा जो की एक विधि से की जाती है उसको काशी विश्वनाथ के मंदिर में करवाये । उदाहरण के लिए आप श्रीमती ऐश्वर्या राय और श्री अभिषेक बच्चन की शादी से पहले हुए संस्कारो को याद करे।

हनुमान जी की पूजा करे प्रीतिदिन करे, हनुमान चालीसा का पाठ करे। अगर कुंडली में मंगल देवता ज्यादा मारक हो गए हो तो मंगल देवता के श्री मंगलनाथ मंदिर (उज्जैन) जोकि मंगल समन्धी हर प्रकार के दोषो के निवारण के लिए अत्यंत प्राचीन मंदिर है। वहां जाकर उनकी पूजा वहां विधि विधान से करवाये।

इस प्रकार हमने ज्योतिष में बनने वाले कुछ अशुभ योगों के बारे में बात की, ज्योतिष में केवल यही अशुभ योग नही होते इसके अलवा भी कई प्रकार के और अशुभ योग होते है जो जातक को जीवन भर परेशान करते रहते है। जिनका पता हम जातक की जन्मपत्रिका देख कर सकते है तथा अच्छे ज्योतिषाचार्य से सलाह लेकर उनका यथा संभव उपाय कर सकते है।

मंगली योग या दोष – mangali yog ya dosh – बीसवां दिन – Day 20 – 21 Din me kundli padhna sikhe – Beesavan Din

Tags: , , , , , , , , , , , , , , , , , ,

Leave a Comment

Scroll to Top