gochar ka adhyayan

गोचर का अध्ययन – चौथा दिन – Day 4 – 21 Din me kundli padhna sikhe – gochar ka adhyayan – Chautha Din

सभी बातो के बाद आइए अब ग्रहो के गोचर की बात करें। दशा के अध्ययन के साथ गोचर महत्वपूर्ण होता है। कुंडली की अनुकूल दशा के साथ ग्रहों का अनुकूल गोचर भी आवश्यक है तभी शुभ फल मिलते हैं।

किसी भी महत्वपूर्ण घटना के लिए शनि तथा गुरु का दोहरा गोचर जरुरी है। जन्म कुंडली में यदि दशा नहीं होगी और गोचर होगा तो अनुकूल फलों की प्राप्ति नहीं होती है क्योकि अकेला गोचर किसी तरह का फल देने में सक्षम नहीं होता है।

गोचर का अध्ययन – gochar ka adhyayan – चौथा दिन – Day 4 – 21 Din me kundli padhna sikhe – Chautha Din

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